Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद दिल्ली सरकार 217 नए पदों की नियुक्ति कर रही है। लेकिन इन पदों को लेकर दिल्ली सरकार में दो प्रमुख अफसर कैडरों के बीच अधिकारों की लड़ाई तेज हो गई है। DASS और DANICS के अधिकारियों के बीच नई नियुक्ति को लेकर विवाद सामने आया है। इसके समाधान के लिए दिल्ली सरकार ने ये मामला गृह मंत्रालय के पास भेज दिया है।
राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक ढांचा
दिल्ली सरकार में प्रशासनिक ढांचे में आईएएस अधिकारियों के बाद दानिक्स कैडर और फिर दास कैडर आता है। DASS (Delhi Administration Subordinate Services )आता है। दास अधिकारियों का कहना है कि पिछले 5 दशकों से उनके कैडर की समीक्षा नहीं की गई है। जबकि नियम के मुताबिक 5 साल के बाद समीक्षा होनी चाहिए। दास कैडर को दिल्ली सरकार के प्रशासनिक ढांचे की रीढ़ माना जाता है।
दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद विवाद सामने आया
दिल्ली हाई कोर्ट ने पदोन्नति पाए हुए दास अधिकारियों के 217 नए पद सृजित करने की अनुमति दी थी। अदालत में यह फैसला वर्ष 2023 में दिया था। इस फैसले के खिलाफ दानिक्स अधिकारियों ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण मैं एक याचिका दाखिल कर दलील दी थी कि यह पद उनके कैडर के लिए बनाए गए हैं ना कि दास कैडर के लिए इस बीच दास अधिकारियों ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर इस मामले में दखल देने की मांग की है उनका तर्क है कि वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे सीनियर अफसर को का प्रमोशन मिलना जरूरी है ।खासकर जब उनके रिटायरमेंट में कुछ इस समय बचा है।
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जल्द सुलझेगा विवाद
दिल्ली की भाजपा सरकार अधिकारियों के वर्चस्व की इस लड़ाई को जल्द ही हल कर देगी। सरकार ने कई विकास योजनाएं शुरू की है जिन्हें लागू करने के लिए अनुभवी और जिम्मेदार अधिकारियों की जरूरत है।