Belgian Wrote Book On Ayodhya: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर (Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratistha) को लेकर पूरा देश राममय है। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी आमंत्रण पर अयोध्या पहुंच रहे हैं। इन्हीं में से एक बेल्जियम (Belgiam) के रहने वाले लेखक कोएनराड एल्स्ट (Coenraad Elst) हैं जिन्होंने भागवान राम से प्रभावित होकर अयोध्या पर ही छह किताबें लिख डाली। वे श्रीराम के जीवन और अयोध्या नगरी से इतने प्रभावित हैं कि पिछले 35 सालों में करीब 42 बार भारत आए हैं और नगरी पर शोधपरक किताबें लिखीं। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने पहुंचे कोएनराड एल्स्ट ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि श्री राम न केवल ऐतिहासिक पुरुष रहे बल्कि संरक्षक की भूमिका भी निभाई। पांच सौ सालों के संघर्ष के बाद राम भगवान के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा सचमुच एक महत्वपूर्ण पल है जिसे पूरा भारत उत्साह से मना रहा है। मैं इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनकर बेहद उत्साहित महसूस कर रहा हूं।
वामपंथी इतिहासकारों का दुष्प्रचार
कोएनराड बताते हैं कि राम जन्मभूमि के लिए हिन्दुओं पर काफी अत्याचार और नरसंहार हुए लेकिन भारतीय इतिहासकारों ने इसका उल्लेख नहीं किया जो दुखद है। नरसंहार करने वाले मोहम्मद गोरी, बाबर, औरंगजेब जैसे शासकों का महिमा मंडन किया गया है। यहूदियों पर हुए अत्याचार पर सब बोलते हैं लेकिन हिंदुओं के नरसंहार पर चुप्पी साध ली जाती है। विशेषकर वामपंथी इतिहासकारों के लिए तो सब मिथ्या लगता है। सनातन धर्म एवं सभ्यता को बचाने के लिए हिन्दुओं के संघर्ष की कहानी भी लिखी जानी चाहिए। मुस्लिम आक्रांताओं ने हिंदुओं का अस्तित्व खत्म करने के लिए देशभर में 40 हजार से अधिक मंदिरों को नष्ट किया। इतिहास में सब दर्ज है लेकिन वामपंथी इतिहासकारों ने उसे अनदेखा कर दिया। वामपंथी इतिहासकारों ने तथ्यों को गलत तरीके से पेश करते हुए आक्रांताओं का महिमा मंडन किया।
Ram Mandir Pran Pratisthan: जम्मू शहर के प्राचीन रघुनाथ मंदिर में तीन दिवसीय कार्यक्रम शुरू
हिंदुओं पर हुए अत्याचार को किया नजरअंदाज
वे बताते हैं कि भारत के स्वाधीनता के बाद भी सरकार ने हिंदुओं पर हुए अत्याचार का पता लगाने के लिए गंभीर प्रयास नहीं किया। न ही उस पर शोध कराया गया। अयोध्या के लेखक बताते हैं कि पहले लोग इस मुद्दे पर खुलकर बोलने से कतराते थे लेकिन अब लोग मुखर होकर बोल रहे हैं, जो एक अच्छी बात है। पिछले 35 सालों से भारत दर्शन और शोध कार्यों के लिए आने वाले लेखक बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों का असर विकास के रूप में साफ देखा जा सकता है। हर शहर में विकास देखा जा सकता है फिर चाहे परिवहन का मामला है या फिर पर्यटकों के लिए सुविधाएं हो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए एल्स्ट कहते हैं कि वे एक अच्छे राजनीतिज्ञ हैं जो जनता के नब्ज को समझते हैं। उनके बोलने और ड्रेसअप होने की शैली भी लाजवाब है।