केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने मंगलवार (7 जनवरी) को सीबीआई (CBI) के ‘भारतपोल पोर्टल’ (Bharatpol Portal) को लॉन्च किया। गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने इंटरपोल (Interpol) की तर्ज पर देश में ‘भारतपोल’ लॉन्च किया है। भारतपोल पोर्टल के जरिए साइबर अपराध, वित्तीय अपराध, संगठित अपराध, मानव तस्करी, अंतरराष्ट्रीय अपराध के मामलों की जांच में तेजी आएगी और रियल टाइम सूचनाएं जुटाने में मदद मिलेगी। यह पोर्टल सीबीआई के अधीन काम करेगा, लेकिन इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि राज्य पुलिस किसी भी वांछित अपराधी या भगोड़े के बारे में खुफिया इनपुट के लिए इस पोर्टल की मदद से सीधे इंटरपोल से मदद मांग सकेगी।
साथ ही विदेशी कानून प्रवर्तन एजेंसियां किसी भी अपराधी के बारे में जानकारी जुटाने के लिए ‘भारतपोल’ की मदद से भारतीय एजेंसियों से आसानी से संपर्क कर सकेंगी। इस तरह ‘भारतपोल पोर्टल’ अंतरराष्ट्रीय पुलिसिंग में काफी मददगार साबित होगा।
Addressing the launching ceremony of #BHARATPOL, a global interface to curb borderless crimes.
https://t.co/6WuoOwdzhY— Amit Shah (@AmitShah) January 7, 2025
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अपराधियों की खैर नहीं
भारत में दुनियाभर के अपराधियों को खोजने की व्यवस्था भी की जा सकेगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच आसान हो जाएगी। कई सालों तक अपराधी विदेश में बैठकर कानून की पहुंच से बाहर रहते थे। अब उन्हें कानून के अंदर लाने का समय आ गया है। यह मादक पदार्थों की तस्करी, तस्करी, मानव तस्करी जैसे अपराधों पर लगाम लगाने का काम करेगा।
अमित शाह ने किया उद्घाटन
भारतपोल के शुभारंभ पर अमित शाह ने आगे कहा, “आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है।” आतंकवाद का वित्तपोषण कहीं अधिक खतरनाक है, क्योंकि यह वित्तपोषण आतंकवाद के साधनों और तरीकों को पोषित करके विश्व अर्थव्यवस्था को कमजोर करता है। उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद लोकतंत्र, मानवाधिकार, आर्थिक प्रगति और विश्व शांति के खिलाफ सबसे बड़ा अभिशाप है, जिसे हमें जीतने नहीं देना चाहिए।
मददगार साबित होगा भारतपोल
अक्सर वांछित अपराधी किसी भी तरह का अपराध जैसे आतंकी गतिविधि, साइबर अपराध, बैंक धोखाधड़ी करके देश छोड़कर विदेश भाग जाते हैं और विदेश से भारत में अपराध करते हैं। ऐसे में अभी तक अगर किसी एजेंसी को किसी वांछित अपराधी को वापस लाना होता है तो उसके प्रत्यर्पण के लिए वह एजेंसी मेल या पत्र के जरिए सीबीआई से संपर्क करती है। ऐसे में खबर लीक होने का खतरा रहता है। इस खतरे को कम करने में भारतपोल मददगार साबित होगा।
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