Bima Sakhi Yojana: महिलाओं को सशक्त बनाना पीएम का दृष्टिकोण, यहां जानें फायदें

बीमा सखी योजना राज्य की सफल महिला-केंद्रित नीतियों के पोर्टफोलियो में शामिल होगी और समावेशी विकास पर बढ़ते फोकस को दर्शाएगी।

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-प्रियंका सौरभ

Bima Sakhi Yojana: प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने (सोमवार 9 दिसंबर) को हरियाणा (Haryana) के पानीपत से महिलाओं के लिए “बीमा सखी योजना” (Bima Sakhi Yojana) शुरू की। बीमा सखी योजना का उद्देश्य बीमा के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।

यह महिला उद्यमिता को बढ़ावा देता है और पूरे भारत में आर्थिक विकास में महिलाओं की भूमिका को बढ़ाता है। खास बात यह है कि इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत से ही ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान की शुरुआत की थी। पानीपत शहर ऐतिहासिक रूप से महत्त्वपूर्ण है। यह अपनी लड़ाइयों के लिए जाना जाता है और अब भारत में महिला सशक्तिकरण पहलों का केंद्र बिंदु है।

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शुरू हुई बीमा सखी योजना
प्रधानमंत्री मोदी का विजन भारत में महिलाओं को सशक्त बनाना है। इस योजना से लाखों महिलाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है। इसका उद्देश्य बीमा क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करके महिलाओं को सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत, महिलाएं जीवन बीमा निगम की एजेंट बनेंगी, जिससे वे बीमा बेच सकेंगी और आय अर्जित कर सकेंगी। यह पहल महिला सशक्तिकरण और आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है। “बीमा सखी योजना” महिलाओं की वित्तीय सुरक्षा पर केंद्रित है, जो महिलाओं के लिए बीमा कवरेज को बढ़ावा देती है। यह योजना महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित करती है। इसका उद्देश्य आर्थिक विकास में महिलाओं की भूमिका को बढ़ाना है।

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मील का पत्थर साबित हुई योजना!
बीमा सखी योजना पूरे भारत में महिलाओं को सशक्त बनाने में एक मील का पत्थर साबित होगी। योजना के तहत चुनी गई महिलाएं एलआईसी एजेंट के रूप में काम करेंगी और अपने समुदायों में बीमा सेवाएं प्रदान करेंगी। इससे न केवल महिलाओं के लिए रोजगार पैदा होगा बल्कि वित्तीय साक्षरता और सुरक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा।

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प्रशिक्षित महिलाओं को मिलेगा वजीफा
बीमा सखी योजना के तहत देशभर की महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं को पहले वर्ष 7,000 रुपये, दूसरे वर्ष 6,000 रुपये और तीसरे वर्ष 5,000 रुपये मासिक वजीफा मिलेगा। इसके साथ ही वित्तीय साक्षरता और बीमा जागरूकता को बढ़ावा दिया जाएगा

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महिला कल्याण सर्वप्रथम
बता दें कि प्रधानमंत्री का हरियाणा से गहरा नाता है, अक्सर वे इसे महत्त्वपूर्ण पहलों के लिए लॉन्चिंग ग्राउंड के रूप में चुनते हैं। 2015 में पानीपत से ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ आंदोलन की शुरुआत सहित मोदी के अभियानों के साथ राज्य का इतिहास महिलाओं के कल्याण के लिए उनकी निरंतर प्रतिबद्धता के लिए एक मिसाल कायम करता है। महिला अधिकारों पर ध्यान देने के लिए जाना जाने वाला हरियाणा एक बार फिर सामाजिक बदलाव लाने में अहम भूमिका निभाएगा। यह पहल महिलाओं को सशक्त बनाने की राज्य की विरासत को और मजबूत करेगी।

बीमा सखी योजना राज्य की सफल महिला-केंद्रित नीतियों के पोर्टफोलियो में शामिल होगी और समावेशी विकास पर बढ़ते फोकस को दर्शाएगी। ‘नारी शक्ति’ पर सरकार के जोर को लोकसभा में पारित ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ जैसे प्रयासों के माध्यम से मजबूत किया गया, जिसमें महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया।

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सशक्त होंगी महिलाएं
‘बीमा सखी योजना’ ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ और ‘नमो दीदी’ कार्यक्रमों की सफलता के बाद, महिला-केंद्रित योजनाओं को शुरू करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्रैक रिकॉर्ड को जारी रखती है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उनका निरंतर प्रयास समाज और अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भूमिका को मजबूत करने के उद्देश्य से विभिन्न नीतियों और विधायी परिवर्तनों में स्पष्ट है।

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महिला सशक्तिकरण के लिए ऐतिहासिक पहल
बीमा सखी योजना वित्तीय समावेशन के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। ग्रामीण महिलाओं को बीमा एजेंट के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाकर यह योजना न केवल उन्हें आजीविका के अवसर प्रदान करती है बल्कि उन्हें औपचारिक वित्तीय प्रणाली में भी एकीकृत करती है। कार्यक्रम की सफलता इसके प्रभावी कार्यान्वयन और हितधारकों से निरंतर समर्थन पर निर्भर करती है।

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एलआईसी की वेबसाइट पर होगा आवेदन
बीमा सखी योजना के लिए एलआईसी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन किया जा सकता है। जानकारी के अनुसार, एलआईसी के साथ पहले से काम कर रहे कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों को इस योजना में भाग लेने का मौका नहीं मिलेगा। 18 से 70 साल की उम्र की कोई भी महिला जो 10वीं पास हो, इस योजना के तहत आवेदन कर सकती है।

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