पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Assembly) में मंगलवार को भाजपा विधायकों (BJP MLAs) ने जमकर हंगामा (Ruckus) किया। विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी (Biman Banerjee) के ‘होली हिंसा’ पर चर्चा से इनकार करने के बाद भाजपा सदस्यों ने सदन से वॉकआउट (Walkout) कर दिया।
विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष ने राज्य के अलग-अलग हिस्सों, खासकर बीरभूम में होली के दौरान हुई कथित हिंसा पर कार्य स्थगन प्रस्ताव पेश किया। हालांकि अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि घोष को प्रस्ताव के शुरुआती कुछ पैराग्राफ पढ़ने की अनुमति दी गई थी, लेकिन इसमें कुछ अन्य संदर्भ और सामग्री सदन में चर्चा के लिए उपयुक्त नहीं थी।
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इस फैसले से नाराज भाजपा के करीब 30 विधायक, शंकर घोष और मनोज ओरांव के नेतृत्व में अपनी सीटों पर खड़े हो गए और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। बाद में, निलंबित विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी भी विधानसभा गेट के बाहर भाजपा विधायकों से आकर मिले और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से तत्काल बयान देने की मांग की।
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि हमें इस हिंदू विरोधी सरकार की जरूरत नहीं है। हम जानना चाहते हैं कि प्रशासन चुप क्यों रहा और होली जैसे त्योहार पर हुई हिंसा की सच्चाई को क्यों दबाया गया? हमारे मुख्य सचेतक ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी, लेकिन यह सरकार सच्चाई सामने नहीं आने देना चाहती। उन्होंने घोषणा की कि भाजपा विधायक विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन क्षेत्र (बारुईपुर पश्चिम) में उनके तानाशाही रवैये के खिलाफ रैली करेंगे। इस बीच, विधानसभा के बाहर अधिकारी की सुरक्षा कर्मियों से बहस भी हो गई, क्योंकि पुलिस ने मीडिया से उनकी बातचीत के दौरान क्षेत्र को घेर लिया था।
उधर अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि भाजपा के विरोध प्रदर्शन के तरीके से उन्हें आपत्ति है, लेकिन वे किसी विधायक के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करना चाहते। तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक निर्मल घोष ने भाजपा के वॉकआउट पर कहा कि विपक्ष जानबूझकर सदन के कार्यवाही का समय बर्बाद कर रहा है और चर्चाओं से भाग रहा है। हम स्पीकर से इस मुद्दे पर कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं।
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