महाराष्ट्र के ठाणे जिले में तीन युवकों की हरकत से परिवार भी सन्न है। ये युवक अंधश्रद्धा में इतने लीन हो गए थे कि ये सामान्य जीवन से धीरे-धीरे अलग होने लगे थे। इस बीच दिवाली की अमावस्या वाली रात ये अचानक गायब हो गए और 6 दिन बाद जब मिले तो तीनों ने महापाप कर लिया था। इनके शव एक ही साड़ी से पेड़ पर लटके हुए।
दिवाली के दिन चांदा गांव में भी खुशियां थीं। लोग अपनी-अपनी तरह से दीपोत्सन मनाकर सोने की तैयारी में थे। इस बीच तीन युवक घर से रात करीब 11 बजे निकले। तीन युवकों में नितिन बेहरे (30), मुकेश घावटे (28) और महेंद्र दुबले (31) का समावेश है। जिसमें से नितिन और मुकेश मामा-भांजे थे जबकि महेंद्र दूर के रिश्ते में था। घरवालों ने भी सोचा ये आम दिनों की तरह कहीं जा रहे हैं। लेकिन जब इन लोगों का दूसरे दिन भी पता न चला तो घरवालों ने 17 नवंबर को पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। इस बीच एक सुरक्षा गार्ड को जंगल में शुक्रवार को इनके शव एक पेड़ से लटके हुए दिखे। जिसके बाद गांव में जानकारी दी गई।
अंधश्रद्धा में गई जान!
तीन युवकों में से नितिन बेहरे तंत्र-मंत्र के जाल में फंसा था। उसके साथ मामा-भांजे भी रहते थेष इन लोगों को कई बार स्मशान में तंत्र विद्या की विधियां करते देखा गया था। ग्रामीणों के अनुसार इन तीनों के मुंह से पैसों की बरसात कराने की बातें भी सुनी गई थी। इन चर्चाओं के बाद स्थानीय लोगों का मत है कि इसकी जांच की जानी चाहिए कि ये आत्महत्याएं धन वर्षा के लिए हुई है या मोक्ष प्राप्ति के लिए। पुलिस को आत्महत्या वाली जगह से भी शराब की दो बोतलें और कुछ सामान मिले हैं जिससे इस कांड से पर्दा उठ पाएगा।
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