बॉम्बे उच्च न्यायालय के 2019 के एक आदेश के खिलाफ मुंबई महानगरपालिका ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने आधारहीन करार देते हुए 7 अक्टूबर को खारिज कर दिया। इसके साथ ही न्यायालय ने बीएमसी पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
इस मामले में न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की खंडपीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीएमसी ने न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग किया।
यह है पूरा मामला
गौरतलब है कि बॉम्बे उच्च न्यायालय ने 2019 में निर्णय देते हुए एक याचिका का निपटारा किया था। उस समय हाई कोर्ट ने बीएमसी को कार्रवाई का आदेश जारी किया था। इस आदेश पर कार्रवाई न करते हुए बीएमसी की ओर से हाई कोर्ट में फिर से पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी। 7 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की खंडपीठ के समक्ष हो रही थी। खंडपीठ ने समीक्षा याचिका पर तीखी नाराजगी व्यक्त की और बीएमसी पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश पारित करते हुए याचिका खारिज कर दी । हाई कोर्ट ने कोर्ट के पिछले आदेश के अनुसार कार्रवाई करने का आदेश भी जारी किया है।