पिछले कुछ दिनों से मुंबई, महाराष्ट्र समेत देशभर में ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स की छापेमारी चल रही है। राजनीतिक नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की संख्या बढ़ती जा रही है। इसे लेकर विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना कर रहा है। इसी क्रम में अब बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान किरीट सोमैया की न्यायिक जांच कराने का निर्देश दिया गया है।
ईडी ने हाल ही में कोल्हापुर में राकांपा नेता हसन मुश्रीफ की संपत्तियों पर छापा मारा था। मामला भी दर्ज किया गया था। उसके बाद मुश्रीफ ने आरोप लगाया था कि ईडी की कार्रवाई का समर्थन करने के लिए जानबूझकर मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इस अपराध को रद्द करने की मांग वाली एक याचिका भी हाईकोर्ट में दायर की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने हसन मुश्रीफ को राहत देते हुए किरीट सोमैया को तगड़ा झटका दिया है।
मुश्रीफ को राहत
ईडी की छापेमारी के बाद मुश्किल में फंसे हसन मुश्रीफ को बॉम्बे हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस को 24 अप्रैल तक सोमैया के खिलाफ जांच कर कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है। इस मामले में हसन मुश्रीफ को आरोपी बनाने वाले बीजेपी नेता किरीट सोमैया के खिलाफ न्यायिक जांच का आदेश जारी किया गया है। इस मामले में पुणे सत्र न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को जांच के आदेश दिए गए हैं। किरीट सोमैया को पहली प्रति कैसे मिली? जब हसन मुश्रीफ मामले से कोई सीधा संबंध नहीं है तो किरीट सोमैया को अदालती आदेशों और एफआईआर की प्रतियां कैसे मिलीं? बताया जाता है कि हाईकोर्ट ने मामले में ऐसा सीधा सवाल पूछा है।