बॉम्बे उच्च न्यायालय ने कला निर्देशक नितिन देसाई को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में 11 अगस्त को एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज के पदाधिकारियों रशेश शाह और अन्य को कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया है। न्यायालय ने पुलिस और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करके एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी।
एफआईआर को रद्द करवाने के लिए याचिका
दरअसल, कला निर्देशक नितिन देसाई को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करवाने के लिए एडलवाइस फाईनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन रशेस शाह और एडलवाइस एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड के सीईओ राज कुमार बंसल, इसके अधिकारी केयूर मेहता और इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) जितेंद्र ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसी याचिका की सुनवाई 11 अगस्त को जज नितिन साम्ब्रे और जज राजेश एन लड्ढा की खंडपीठ के समक्ष हुई। हाईकोर्ट ने नितिन देसाई की पत्नी नेहा को नोटिस जारी करके उन्हें इस संबंध में अपना पक्ष रखने को कहा है।
स्टूडियो में मृत पाए गए थे नितिन देसाई
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कला निर्देशक नितिन देसाई 2 अगस्त को अपने स्टूडियो में मृत पाए गए थे। पुलिस ने कहा था कि उनके स्टूडियो से जब्त किए गए एक ऑडियो नोट में उन्हें अपनी वित्तीय स्थिति के लिए बंसल, शाह और तीन अन्य को दोषी ठहराते हुए सुना जा सकता है। इसके बाद नेहा नितिन देसाई ने रायगढ़ पुलिस को एक लिखित शिकायत सौंपी और 4 अगस्त को खालापुर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
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तत्काल राहत देने से इनकार
खालापुर पुलिस थाना में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई में याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत देने पर विचार किया जाएगा। नितिन देसाई आत्महत्या मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज से जुड़े आरोपितों को 11 अगस्त को तत्काल राहत देने से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 18 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी है।
यह है मामला
ईसीएल फाइनेंस एडलवाइस समूह की एक गैर-बैंकिंग वित्त शाखा है, जिसने 2016 और 2018 के बीच देसाई की फर्म एनडी के आर्ट वर्ल्ड को 181 करोड़ रुपये का ऋण दिया था। पुलिस ने ईसीएल फाइनेंस के प्रबंध निदेशक को नोटिस भेजकर देसाई को स्वीकृत ऋण से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर जानकारी मांगी है। हालांकि, शाह और बंसल ने 7 अगस्त को दायर अपनी याचिका में दावा किया कि वे केवल वसूली की आधिकारिक और कानूनी प्रक्रिया का पालन कर रहे थे और उनके खिलाफ एफआईआर अनावश्यक थी और आत्महत्या के लिए उकसाने का कोई मामला नहीं था।