बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने मुंबई पुलिस (Mumbai Police) को फटकार लगाते हुए कहा कि पुलिस को कानून (Law) के अनुसार काम करना चाहिए। सत्ता (Power) का दुरुपयोग (Abuse) ठीक नहीं है। यदि याचिकाकर्ता (Petitioner) को धमकी देने वाले पुलिसकर्मियों (Policemen) के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई तो पुलिस कमिश्नर (Police Commissioner) को आकर जवाब देना होगा। कोर्ट ने उत्तरी प्रादेशिक विभाग के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राजीव जैन (Additional Police Commissioner Rajeev Jain) को तलब किया है।
भूषण नंदकिशोर भावसार की याचिका पर सोमवार को न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे और न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई। बेंच ने कहा कि बिना केस दर्ज किए किसी के घर जाकर उसे धमकाना पुलिस का काम नहीं है। पुलिसकर्मियों ने जिस तरह का काम किया है, उसके लिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।’ अगर किसी का कोई आर्थिक लेनदेन है तो वह उस पर कानून के अनुसार कार्रवाई कर सकता है। 28 जून को पिछली सुनवाई के दौरान पीठ ने सर्कल 12 की पुलिस उपायुक्त समिता पाटिल को तलब किया था। वह सोमवार को कोर्ट में पेश हुईं। पीठ ने उन्हें आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। साथ ही डीसीपी को मंगलवार को अगली सुनवाई के दौरान हलफनामा दाखिल करने को कहा।
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सीसीटीवी में कैद हुआ पुलिसकर्मियों का वीडियो
याचिकाकर्ता के अनुसार, 29 मार्च 2023 और 30 मार्च 2023 की रात समता नगर पुलिस स्टेशन के 4 से 5 पुलिसकर्मी उनके घर आए। उसने उससे कहा कि वह उसकी कॉल और ईमेल का जवाब नहीं दे रहा है। पुलिसकर्मियों ने उसे धमकी दी कि वह ऋचा अग्रवाल से बात करे और उसके साथ उसका जो भी वित्तीय विवाद है उसे सुलझा ले। वे फिर वापस आएंगे। याचिकाकर्ता को धमकी देने की पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है। पिछली सुनवाई के दौरान पीठ ने सीसीटीवी देखकर धमकी देने वाले पुलिसकर्मियों की पहचान करने का निर्देश दिया था।
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