बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को महाराष्ट्र आरोग्य विज्ञान विद्यापीठ (एमयूएचएस) द्वारा इस महीने के अंत में आयोजित होने वाली अंतिम वर्ष की डेंटल (बीडीएस) और पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल परीक्षाओं पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की अगुवाई वाली एक पीठ एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा केंद्रों पर छात्रों की उपस्थिति को अनिवार्य किए जाने के फैसले का चुनौती दी गयी है।
कुछ छात्रों द्वारा अधिवक्ता कुलदीप निकम के माध्यम से दायर जनहित याचिका में अनुरोध किया गया है कि परीक्षाओं को टाल दिया जाए या नासिक स्थित एमयूएचएस को निर्देश दिया जाए कि कोरोना वायरस के कारण परीक्षाओं को ऑनलाइन आयोजित करें।
याचिका के अनुसार, बीडीएस की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 17 अगस्त से शुरू हो रही हैं जबकि पीजी मेडिकल की परीक्षाएं 25 अगस्त से होंगी। हालांकि, पीठ ने कहा कि मेडिकल छात्रों द्वारा विभिन्न अनुरोध करते हुए कई याचिकाएं दायर की गई हैं। कुछ याचिकाओं में परीक्षाओं का विरोध किया गया है वहीं कुछ छात्र चाहते हैं परीक्षाएं हों। अदालत ने यह भी कहा कि अंतिम समय में परीक्षाओं पर रोक लगाने से उन छात्रों को नुकसान हो सकता है जो परीक्षा की तैयारी कर चुके हैं और परीक्षा में शामिल होने के लिए तैयार हैं।