Haridwar में जिला प्रशासन ने अवैध रूप से बनाई गई एक मजारनुमा इमारत पर 19 अक्टूबर को बुलडोजर चलाकर उसे ध्वस्त कर दिया। जो अवैध रूप से टिहरी बांध पुनर्वास योजना की जमीन पर बनाई गयी थी।
ध्वस्तीकरण की यह पूरी कार्रवाई जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह के आदेश पर एसडीएम अजय वीर सिंह के नेतृत्व में की गई। कार्रवाई के बाद जिला प्रशासन ने चेतावनी दी है कि सरकारी जमीन पर किए अवैध निर्माणों को आगे भी बख्शा नहीं जाएगा।
सिंचाई विभाग की जमीन पर बना था मजार
हरिद्वार जिला प्रशासन ने 19 अक्टूबर को अपराह्न सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। प्रशासन ने रानीपुर कोतवाली क्षेत्र के बहादराबाद ब्लॉक के राजपुर गांव में सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध रूप से बनी मजार को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। उपजिलाधिकारी अजय वीर सिंह के नेतृत्व और बड़ी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।
नियमों का किया गया था उल्लंघन
मजार सरकारी जमीन पर अवैध रूप से एक बड़ी इमारत के रूप में बनाई गई थी, जो नियमों का सरासर उल्लंघन था। उप जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन के द्वारा अवैध कब्जों को हटाने के अभियान के अंतर्गत यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकारी जमीन पर किए गए अवैध निर्माणों को बख्शा नहीं जाएगा और भविष्य में भी ऐसे निर्माणों को हटाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। प्रदेश में अतिक्रमण के खिलाफ निरंतर कार्रवाई की जा रही है। इससे पहले भी हरिद्वार जिला प्रशासन ने ग्राम सभाओं में अवैध कब्जे खाली कराने के साथ सरकारी जमीन पर बनाई गई कई अवैध मजारों को ध्वस्त किया है।
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जिला प्रशासन से नहीं ली गई थी अनुमति
हरिद्वार जिले के अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी मनीष सिंह ने बताया कि मजार बनाने के लिए जिला प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई, जबकि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि 2016 के बाद किसी भी धार्मिक स्थल के नवनिर्माण अथवा पुनर्निर्माण के लिए जिलाधिकारी की परमिशन जरूरी है।