Bullet Proof Jacket: रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग (Department of Defense Research and Development) (डीआरडीओ) ने सशस्त्र बलों (armed forces) के लिए सबसे हल्की स्वदेशी बुलेट प्रूफ जैकेट (bulletproof vest) विकसित किया है। इसे कानपुर स्थित रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (Defense Materiel and Stores Research and Development Establishment) (डीएमएसआरडीई) में तैयार किया गया है। हाल ही में इस बुलेट प्रूफ जैकेट का चंडीगढ़ की लैब में परीक्षण किया गया, जो पूरी तरह बीआईएस के उच्चतम खतरे के स्तर 6 के मानकों पर खरी उतरी है।
डीआरडीओ की चंडीगढ़ में स्थित टर्मिनल बैलिस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाला (टीबीआरएल) में टेस्ट की गई 7.62 x 54 स्वदेशी बुलेट प्रूफ जैकेट बीआईएस 17051 के स्तर 6 के मानकों पर आधारित है। इसे गोला-बारूद से सुरक्षा के लिए देश में सबसे हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट बताया गया है।
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चंडीगढ़ में सफलतापूर्वक परीक्षण
हाल ही में इस बुलेट प्रूफ जैकेट का बीआईएस 17051-2018 के अनुसार टीबीआरएल, चंडीगढ़ में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। यह जैकेट नए डिजाइन दृष्टिकोण पर आधारित है, जहां नई प्रक्रियाओं के साथ नवीन सामग्री का उपयोग किया गया है। इस जैकेट का फ्रंट हार्ड आर्मर पैनल (एचएपी) आईसीडब्ल्यू (इन-कंजंक्शन विद) और स्टैंड अलोन डिज़ाइन दोनों में 7.62 x 54 आर एपीआई (स्नाइपर राउंड) के कई हिट (06 शॉट्स) का मुकाबला करने में सक्षम है।
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फ्रंट एचएपी पॉलिमर बैकिंग
एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन किया गया फ्रंट एचएपी पॉलिमर बैकिंग के साथ मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट से बना है, जो ऑपरेशन के दौरान पहनने की क्षमता और आराम को बढ़ाता है। हार्ड आर्मर पैनल और स्टैंड अलोन का क्षेत्रफल घनत्व क्रमशः 40 kg/m2 और 43 kg/m2 से कम है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने उच्चतम स्तर के खतरे से सुरक्षा के लिए इस सबसे हल्के बुलेट प्रूफ जैकेट के सफल विकास के लिए डीएमएसआरडीई को बधाई दी है।
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