कब तक ग्रामीणों को मिलेगा राइट ऑफ रिकॉर्ड? केंद्रीय मंत्री ने बताया

अप्रैल 2020 में शुरू स्वामित्व योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने में ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाने में एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने में ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाने की महत्वपूर्ण कड़ी में शुरू स्वामित्व योजना के तहत जून से होने वाले सर्वे की जानकारी क्षेत्र के सांसदों और विधायकों को एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी। स्वामित्व योजना के तहत सर्वेक्षण के लिए निर्धारित क्षेत्र में ड्रोन उड़ान शुरू होने की जानकारी मिलने से लोग अचंभित नहीं होंगे तथा राइट टू रिकॉर्ड का काम सफलतापूर्वक पूरा हो सकेगा।

केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि निर्वाचित प्रतिनिधियों की भागीदारी से योजना कार्यान्वयन से जनता में विश्वास पैदा होता है। स्वामित्व लोगों को उनकी संपत्ति के अधिकार का रिकॉर्ड प्रदान करता है, जिसका उपयोग ऋण और अन्य लाभ लेने के लिए वित्तीय संपत्ति के रूप में किया जा सकता है।

ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण कदम
सिंह ने बताया कि अप्रैल 2020 में शुरू स्वामित्व योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने में ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाने में एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है। पंचायती राज मंत्रालय, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारतीय सर्वेक्षण एवं राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र की यह नई कार्यक्षमता योजना की व्यापक पहुंच और पारदर्शिता में मदद करेगी। पंचायती राज मंत्रालय के एक केंद्रीय क्षेत्र की स्वामित्व, राष्ट्रीय स्तर पर पंचायती राज दिवस 24 अप्रैल 2021 को नौ राज्यों में योजना के पायलट चरण के सफल समापन के बाद राष्ट्रीय स्तर पर शुरू की गई थी।

जारी किया जाएगा संपत्ति कार्ड
इस योजना का उद्देश्य सभी ग्रामीणों को ”रिकॉर्ड का अधिकार” प्रदान करना और संपत्ति कार्ड जारी करना है। यह महत्वपूर्ण योजना पूरे देश में पांच वर्षों (2020-2025) में चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही है तथा 2025 तक देश भर के सभी गांवों को कवर कर देगी। आधुनिक तकनीक के उपयोग के साथ यह योजना लाखों ग्रामीण संपत्ति मालिकों को और अधिक लाभान्वित करने के लिए चलाई जा रही है। अब तक विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 108 जिलों में ड्रोन उड़ान भरी जा चुकी है तथा कई और पूरा होने के कगार पर हैं। एक लाख 15 हजार गांव का ड्रोन सर्वे पूरा हो गया है जिसमें से 81 हजार 842 गांव का नक्शा बनाकर राज्य को दिया जा चुका है। एक करोड़ दस लाख डिजिटाइज हुए लैंड पार्सल हुआ है, 40 लाख प्रॉपर्टी कार्ड जारी किए गए जिसमें से 28 हजार 72 प्रॉपर्टी कार्ड का बांटे जा चुके हैं।

मेरी सम्पत्ति मेरा अधिकार
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि एसएमएस ऐप सेवा के माध्यम से सभी सांसद एवं विधायक को ड्रोन उड़ान की सभी जानकारी एसएमएस के द्वारा दो दिन पहले भेजे जाएंगे। इससे योजना के संबंध में सरकार के कार्य की जानकारी को लेकर मीडिया एवं ऑन-ग्राउंड पर जागरूकता फैलाने में मदद मिलेगी और योजना के लाभ के बारे में प्रभावशाली ढंग से प्रचार हो सकेगा। मेरी सम्पत्ति मेरा हक के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण को अपनी सम्पत्ति का रिकॉर्ड ऑफ राइट देकर गांवों में कमजोर आबादी के सामाजिक-आर्थिक मानकों में सुधार करना है। इससे स्पष्ट रूप से प्रॉपर्टी का सीमांकन और प्रॉपर्टी का उचित कागजात नहीं रहने के कारण होने वाले भूमि विवाद के मामलों को प्रभावशाली रूप से निवारण होगा। बेहतर ग्राम पंचायत विकास योजनाओं (जीपीडीपी) के लिए हाई रिजॉल्यूशन डिजिटल मैप से बुनियादी ढांचे स्कूलों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, नदियों, स्ट्रीट लाइट, सड़कों आदि में सुधार लक्ष्य है।

यह है उद्देश्य
इकोनामिक ग्रोथ के लिए अपनी प्रॉपर्टी को कलैटरल के रूप में उपयोग में लाकर बैंक ऋण को आसान बनाना और राज्य स्तर पर सम्पत्ति कर को सुनियोजित करना है। स्वामित्व से पहले ग्रामीण को ऋण प्राईवट लेंडर द्वारा भारी ब्याज दर पर मिलता था और प्रॉपर्टी हाथ से जाने का डर बना रहता था। प्रॉपर्टी कार्ड की मदद से किसी भी बैंक से अब कम से कम ब्याज पर ऋण मिल सकता है और प्रॉपर्टी पर क़ब्जा होने का भी डर नहीं रहेगा। बुनियादी कार्यों की प्लानिंग ऑन ग्राउंड फ़ोर्स से किया जाता था, अब पंचायत अपने जीपीडीपी की प्लानिंग डिजिटल मैप से आसानी से कर सकते हैं। राज्यों द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स का काफ़ी कम कलेक्शन हो पाता था। पंचायत अब आसानी से प्रॉपर्टी टैक्स की मॉनिटरिंग कर सकती है।

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