220 भारतीय छात्रों को लेकर लौटा वायु सेना सी-17 ग्लोबमास्टर विमान, रक्षा राज्यमंत्री ने स्वागत करते हुए कही ये

यूक्रेन से निकलकर पड़ोसी देशों में फंसे भारतीय नागरिकों की 'वतन वापसी' के लिए शुरू किए गए अभियान में 2 मार्च से वायु सेना भी शामिल हुई है।

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भारतीय वायु सेना का एक और सी-17 विमान 3 मार्च सुबह 6 बजे हंगरी के बुडापेस्ट से 220 भारतीय यात्रियों को लेकर दिल्ली के पास अपने घरेलू बेस हिंडन पर उतरा। इससे पहले ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत रात दो बजे के करीब रोमानिया से 200 छात्रों को लेकर भारतीय वायु सेना का पहला सी-17 ग्लोबमास्टर विमान भारत लौटा था।

युद्धग्रस्त यूक्रेन से निकलकर पड़ोसी देशों में फंसे भारतीय नागरिकों की ‘वतन वापसी’ के लिए शुरू किये गए इस अभियान में 2 मार्च से वायु सेना भी शामिल हुई है। वायु सेना ने रोमानिया, स्लोवाकिया, पोलैंड और हंगरी से नागरिकों को लाने के लिए चार विमानों को तैनात किया है, जो आज दिन में लौटेंगे।

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‘भारत माता की जय’ का तीन बार उद्घोष
हंगरी के बुडापेस्ट से 220 भारतीय यात्रियों को लेकर लगभग 8 घंटे की उड़ान के बाद भारतीय वायु सेना का सी-17 विमान दिल्ली के पास अपने घरेलू बेस हिंडन में 3 मार्च की सुबह 6 बजे उतरा। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने विमान के अन्दर जाकर आने वाले भारतीयों के साथ बातचीत की। सबसे पहले उन्होंने ‘भारत माता की जय’ का तीन बार उद्घोष कराया और उनके भारत पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूरे देश की ओर से स्वागत किया।

मातृभूमि पर लौटे छात्रों के चेहरे पर खुशी
युद्ध क्षेत्र से सुरक्षित लौटे नागरिकों को संबोधित करते हुए अजय भट्ट ने कहा कि आप सभी ने विषम परिस्थितियों में भी अपना धैर्य बनाये रखा और काफी संघर्ष के बाद भारत लौटे हैं। अपनी मातृभूमि पर लौटने के बाद आपके चेहरों पर जो ख़ुशी दिख रही है, उस खुशी को देखकर आपके माता-पिता की भी खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। जैसे ही छात्र इस विमान से उतरेंगे, यह फिर से निकासी के लिए उड़ान भरेगा।

सी-17 ग्लोबमास्टर से आए भारतीयों का स्वागत
इससे पहले ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत 2 मार्च/3 मार्च को रात दो बजे के करीब रोमानिया से 200 छात्रों को लेकर भारतीय वायु सेना के पहले सी-17 ग्लोबमास्टर विमान ने अपने घरेलू एयर बेस हिंडन में लैंड किया। सी-17 ग्लोबमास्टर से आए भारतीयों का स्वागत करने के लिए रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट भी हिंडन एयरबेस पहुंचे थे। इसके बाद सभी छात्रों को बसों के जरिये दिल्ली स्थित उनसे संबंधित राज्य भवन तक पहुंचाया गया। राजस्थान की मंत्री ममता भूपेश भी अपने प्रदेश के कई छात्रों को लेने के लिए हिंडन बेस पर मौजूद थीं। उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि हमारे बच्चे इतनी भयानक स्थिति से बाहर आए हैं, इसलिए मैं राजस्थान के सीएम (अशोक गहलोत) के निर्देशन में एक अभिभावक के रूप में मौजूद हूं।

भारतीयों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा शुरू 
युद्ध प्रभावित यूक्रेन से बाहर निकलकर पड़ोसी देशों में जाने वाले भारतीयों को वापस लाने के लिए भारत ने 26 फरवरी से ‘ऑपरेशन गंगा’ शुरू किया है। भारत ने यूक्रेन से सटे देशों रोमानिया, पोलैंड, स्लोवाकिया एवं हंगरी के रास्ते अपने नागरिकों को निकालना शुरू किया था क्योंकि यूक्रेन का हवाई क्षेत्र रूसी सैन्य आक्रमण शुरू होने के बाद 24 फरवरी से ही बंद है। भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए वायु सेना का पहला परिवहन विमान सी-17 ग्लोबमास्टर 2 मार्च तड़के 4 बजे घरेलू एयरबेस हिंडन से बुखारेस्ट (रोमानिया) के लिए रवाना हुआ था। इसके बाद दिन में तीन और विमान रेजसो (पोलैंड), स्लोवाकिया और बुडापेस्ट (हंगरी) भेजे गए थे। इन विमानों से उन भारतीयों को लाया जाएगा, जो युद्ध प्रभावित यूक्रेन से बाहर निकल गए थे।

चार सी-17 परिवहन विमान तैनात
भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि 3 मार्च सुबह तक तीन और विमान स्लोवाकिया, पोलैंड और हंगरी से लौटेंगे। चल रहे ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत वायु सेना ने राहत सामग्री के साथ चार सी-17 परिवहन विमान तैनात किए थे। प्रत्येक विमान में 180 सीटों की व्यवस्था की गई थी यानी एक विमान में 200 भारतीयों को वापस लाया जा सकेगा। यूक्रेन में चल रहे संकट के कारण रोमानिया, पोलैंड और हंगरी में हवाई क्षेत्रों का उपयोग करके भारतीय वायु सेना नागरिकों को निकाल रही है। ऑपरेशन गंगा के तहत चल रहे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने के प्रयासों को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1 मार्च को भारतीय वायु सेना से भारतीयों को लाने के प्रयासों में शामिल होने का आह्वान किया था।

वायु सेना की क्षमताओं का लाभ
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि हमारी वायु सेना की क्षमताओं का लाभ उठाने से यह सुनिश्चित होगा कि कम समय में अधिक लोगों को निकाला जा सके। यह मानवीय सहायता को अधिक कुशलता से वितरित करने में भी मदद करेगा।’ऑपरेशन गंगा’ भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकालने और मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार का अभियान है। इसके तहत यूक्रेन में पढ़ाई करने गए उन भारतीय छात्रों की ‘वतन वापसी’ कराई जा रही है, जो रूस से युद्ध शुरू होने के बाद पड़ोसी देशों रोमानिया, हंगरी, पोलैंड, मोल्दोवा, स्लोवाकिया में चले गए हैं।

तैयार हैं सी-17 के कई विमान
भारतीय वायु सेना ने यूक्रेन से नागरिकों को निकालने के लिए अपने सी-17 विमान के बेड़े को स्टैंड बाई पर रखा है। एयर फोर्स के अधिकारियों का कहना है कि भारतीय वायु सेना यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने की किसी भी आवश्यकता के लिए तैयार है।

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