Canada: 7 जून को कनाडा के वैंकूवर में भारतीय दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का चित्रण के पोस्टर लगाए गए। यह ऑपरेशन ब्लूस्टार की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर किए गए प्रदर्शन का हिस्सा था। इसमें भारत की दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाया गया था, जिनकी 31 अक्टूबर, 1984 को उनके सिख अंगरक्षकों बेअंत सिंह और सतवंत सिंह ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
कई पोस्टरों में ऑपरेशन ब्लूस्टार को भी दिखाया गया था। इस ऑपरेशन के तहत 1984 में एक सैन्य अभियान चलाया गया था, जिसका उद्देश्य अमृतसर में स्वर्ण मंदिर परिसर से खालिस्तानी चरमपंथियों, जिनमें उनके नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले भी शामिल थे, को हटाना था। विरोध प्रदर्शन का आयोजन “सिख फॉर जस्टिस” (एसएफजे) समूह द्वारा किया गया था, जो खालिस्तान आंदोलन की वकालत करने वाला एक आतंकवादी संगठन है।
टोरंटो में भी प्रदर्शन
इसके साथ ही टोरंटो में वाणिज्य दूतावास में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन किए गए, लेकिन यहां कोई पोस्टर नहीं लगाया गया था। सिख फॉर जस्टिस आंतकी संगठन के नेता गुरपतवंत पन्नू ने पिछले साल ब्रिटिश के कोलंबिया में खालिस्तान समर्थक एक व्यक्ति की हत्या का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संभावित खतरों की चेतावनी दी थी।
भारत जताता रहा है कड़ा विरोध
भारत सरकार ने अतीत में इस तरह की खालिस्तान गतिविधियों पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। कई रिपोर्टों में कहा गया है कि भारतीय अधिकारी ग्लोबल अफेयर्स कनाडा को एक औपचारिक राजनयिक शिकायत, जिसे नोट वर्बेल के रूप में जाना जाता है, देने की योजना बना रहे हैं। इसमें इस तरह की गतिविधियों का विरोध जताया गया है।
पिछले साल बढ़ गया था तनाव
पिछले साल ग्रेटर टोरंटो एरिया में इसी तरह की घटना के बाद गांधी की हत्या के चित्रण ने आक्रोश पैदा कर दिया था। उस समय नई दिल्ली में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके ने हिंसा के ऐसे महिमामंडन की निंदा की थी, और इस बात पर जोर दिया था कि कनाडा नफरत के खिलाफ खड़ा है। हालांकि, कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियां बिना किसी रोक-टोक के जारी हैं।