महाराष्ट्र में कैसीनो एक्ट 1976 से अस्तित्व में है। इसलिए अक्सर कैसीनो शुरू करने की मांग उठती रहती थी। इस मांग को लेकर कई लोग कोर्ट भी गए थे, लेकिन 18 अगस्त को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में गृह विभाग ने इस कानून को रद्द करने का फैसला लिया है। इससे पहले उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मानसून सत्र में भी इस विधेयक को रद्द करने की घोषणा की थी।
मनसे ने की थी मांग
मनसे कामगार सेना के अध्यक्ष मनोज चव्हाण ने कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने राज्य में कैसीनो शुरू करने की मांग की थी। उन्होंने यह भी कहा कि गोवा, सिक्किम, मकाऊ और नेपाल में कैसीनो के कारण वहां स्थानीय पर्यटन उद्योग विकसित हुआ है। उनके साथ ही कई लोगों ने राज्य सरकार से कैसीनो शुरू करने की मांग की थी। लेकिन अब राज्य सरकार ने इस कानून को रद्द करने का फैसला किया है। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की। इस समय उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेन्द्र फडणवीस का राज्य में नो कैसीनो का सख्त रुख था। 2016 में भी, जब वे मुख्यमंत्री थे, तब जनवरी 2023 में राज्य में कैसीनो नहीं चाहिए का फैसला लिया था।
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सत्तापक्ष और विपक्ष की चर्चा में लिया गया निर्णय
राज्य सरकार ने महाराष्ट्र कैसीनो (नियंत्रण और कराधान) अधिनियम, 1976 पारित किया है। लेकिन करीब 45 साल बाद भी इसे लागू नहीं किया गया है। इस अधिनियम को राज्य में कैसे लागू किया जाए, इस संबंध में वरिष्ठ स्तर पर पक्ष-विपक्ष पर चर्चा के बाद यह रुख अपनाया गया है कि महाराष्ट्र जैसे राज्य में इस प्रकार का कानून लागू नहीं किया जाना चाहिए। इस बैठक में इस कानून को रद्द करने और उसके अनुरूप एक विधेयक विधानमंडल में पेश करने को मंजूरी दे दी गई है।