केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रिश्वतखोरी के दो अलग-अलग मामलों में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के 3 अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। इसमें नागपुर से 2 और गोंदिया से एक गिरफ्तारी हुई है। इन सभी पर रिश्वतखोरी के आरोप हैं। सीबीआई की कार्रवाई के बाद इन रिश्वतखोर आरोपी अधिकारियों की दुकान बंद हो गई है।
मिल रही थी वसूसी की शिकायत
आरोप है कि इंडियन ऑयल के स्थानीय बिक्री अधिकारी सुनील गोल्हर ने गोंदिया जिले के गोरेगांव स्थित खादीपार में मीरा पेट्रोल पंप के मालिक से आवश्यक स्टॉक उपलब्ध कराने के लिए 1 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। पंप मालिक ने इसकी शिकायत सीबीआई के वरिष्ठ अधीक्षक सलीम खान से की। सीबीआई को गोरेगांव, गोंदिया के एक और पंप मालिक आकाश अशोक चौधरी से इसी तरह की एक और शिकायत मिली। दोनों आरोपों की पुष्टि करने के बाद अधीक्षक सलीम खान ने गुरुवार रात में दो अलग-अलग मामले दर्ज करके दो अलग-अलग दस्ते बनाए।
सीबीआई अधिकारियों के एक दस्ते ने गोंदिया से गोल्हर को और दूसरे ने नागपुर में एनपी रोडगे और मुख्य प्रबंधक मनीष नंदले (खुदरा बिक्री) को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा। इसके बाद सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने इन तीनों के आवास और कार्यालय में छापेमारी शुरू करके देर रात तक पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार कर लिया।
सुरक्षित वसूली के लिए कोड वर्ड
आरोपित अधिकारी रिश्वत लेते समय कोड वर्ड का इस्तेमाल कर रहा था। रोडगे को ए-वन और नंदले को ए-टू के नाम से जाना जाता था। रिश्वत लेने वाले व्यक्ति को रोडगे ने ए-टू की राशि का भुगतान करने के लिए कहा था। उनके बीच इन सभी गुप्त लेन-देन को सीबीआई पहले ही दर्ज कर चुकी थी। इसलिए उन्हें रिश्वत लेते हुए पकड़ने में कोई दिक्कत नहीं हुई।