केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) ने उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे (North East Frontier Railway) की परियोजनाओं में 60 करोड़ रुपये की रिश्वतखोरी (Bribery) के एक मामले में रेलवे के सात कर्मचारियों (Employees) और निजी कंपनी भरतिया इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (Bhartia Infra Projects Limited) के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने प्राथमिकी में आरोपियों के तौर पर उप मुख्य अभियंता रामपाल, तत्कालीन उप मुख्य अभियंताओं जितेंद्र झा और बीयू लस्कर तथा तत्कालीन वरिष्ठ अधीक्षण अभियंताओं रितुराज गोगोई, धीरज भागवत, मनोज सैकिया तथा मिथुन दास के साथ भरतिया इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के नाम शामिल किए हैं।
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे के वरिष्ठ खंड अभियंता संतोष कुमार के परिसरों पर तलाशी के बाद उन्हें दो करोड़ रुपये की रिश्वतखोरी के एक मामले में गिरफ्तार किया था जिसके बाद यह मामला सामने आया।
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करोड़ रुपये से ज्यादा की रिश्वत
सीबीआई अधिकारियों के अनुसार, तलाशी के दौरान इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने कथित तौर पर रेलवे अधिकारियों को 2016 से 2023 तक अधिकारियों 60 करोड़ रुपये से ज्यादा की रिश्वत की जानकारी मिली। इस दौरान उन अधिकारियों के नामों की सूची भी मिली, जिन्होंने कथित रूप से इन वर्षों के दौरान अपने परिजनों के बैंक खातों में रिश्वत ली थी। उक्त निजी कंपनी को उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे से 2016-22 के दौरान छह बड़ी परियोजनाओं का ठेका मिला था।
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