पश्चिम बंगाल (West Bengal) में करोड़ों रुपये के स्कूल भर्ती घोटाले (School Recruitment Scam) की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी (Central Investigation Agency) को एक नई सूची हाथ लगी है, जिसमें 324 ऐसे उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं, जिन्हें राज्य के प्रभावशाली नेताओं की सिफारिश पर नौकरियां दी गई थी। इस खुलासे ने एक बार फिर राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है।
सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसी ने पिछले साल कोलकाता के साल्ट लेक स्थित राज्य शिक्षा विभाग मुख्यालय में छापेमारी के दौरान यह सूची बरामद की थी। इसमें उम्मीदवारों के नामों के साथ उन प्रभावशाली लोगों के नाम भी दर्ज हैं, जिन्होंने इनकी सिफारिश की थी।
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इस सूची को तत्कालीन शिक्षा मंत्री और सत्तारूढ़ दल के महासचिव पार्थ चटर्जी तक भी भेजा गया था। पार्थ चटर्जी को जुलाई 2022 में आर्थिक अनियमितताओं के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
जांच एजेंसी की रिपोर्ट में सिफारिश करने वालों में कई प्रमुख नेता शामिल हैं
ममता बाला ठाकुर : सत्तारूढ़ दल की पूर्व लोकसभा सदस्य और वर्तमान में उच्च सदन की सदस्य।
सौकत मोल्ला : सत्तारूढ़ दल के कैनिंग (पूर्व) विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा विधायक।
दिब्येंदु अधिकारी : पूर्व लोकसभा सदस्य, जो पूर्व मिदनापुर के तमलुक से सांसद रह चुके हैं। 2024 चुनाव से पहले उन्होंने विपक्षी दल का दामन थाम लिया था। फिलहाल, वह किसी भी विधायी पद पर नहीं हैं।
भारती घोष : पूर्व पुलिस अधिकारी, जिन्होंने 2019 में सेवा से इस्तीफा देकर विपक्षी दल जॉइन कर लिया था। वर्तमान में वह भी किसी विधायी पद पर नहीं हैं।
इस नई जांच से सत्तारूढ़ दल पर दबाव बढ़ गया है, क्योंकि इसमें पार्टी के कई मौजूदा और पूर्व नेताओं के नाम सामने आए हैं। हालांकि, पार्टी की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं, विपक्षी दल ने इस खुलासे को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि यह घोटाला सत्ता के शीर्ष तक फैला हुआ है।
जांच एजेंसी इस सूची के आधार पर आगे की कार्रवाई में जुट गई है और जल्द ही इस मामले में नए खुलासे होने की संभावना है।
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