कम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया ने गूगल पर बड़ा दंड लगाया है। यह एक सप्ताह में सर्च इंजन महारथी को दूसरा झटका है। कंपनी पर प्ले स्टोर पर डॉमिनेन्ट पोजीशन पॉलिसी के उल्लंघन का आरोप है।
ऐप डेवलपर्स ऐप स्टोर पर निर्भर होता है, जिससे वह वह अपने ऐप का वितरण करता है। जबकि, ऐप स्टोर स्मार्ट डिवाइस के ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) पर निर्भर होता है।
इन-ऐप डिजिटल बिक्री ऐप डेवलपर्स के लिए अपने नए उत्पादों और नई शोध से कमाई करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। हालांकि, खरीदारी करने वाले उपयोगकर्ताओं को इन-ऐप डिजिटल सामान वितरित करने के लिए, डेवलपर्स को अपने ऐप को कॉन्फ़िगर करना होगा ताकि डिजिटल सामान की सभी खरीदारी गूगल की भुगतान प्रणाली के माध्यम से हो, जो लेनदेन को संसाधित करती है।
भारतीय स्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने प्ले स्टोर पर किये गए प्रभावी भुगतान पर्याय के रूप में प्रतिस्पर्धी ऐप्स को अलग रखने वाले आरोपों की भी जांच की है। गुगल पे इंन्टेन्ट फ्लो की मेथडॉलॉजी के अनुसार अन्य यूपीआई ऐप्स कलेप्ट फ्लो पद्धति से उपयोग किये जा सकते हैं। कलेक्ट फ्लो तकनीकी की अपेक्षा इन्टेन्ट फ्लो तकनीकी उन्नत और उपयोग में आसान है। यह तकनीकी ग्राहक और व्यापारी दोनों के लिए लाभप्रद है। गुगलने ने अपनी नीति में बदलाव की सूचना भारतीय स्पर्धा आयोग को दी है, जिसमें प्रतिस्पर्धी यूपीआई ऐप्स को इन्टेन्ट फ्लो पद्धति में समाविष्ट करने की अनुमति दी है।
इसके अनुसार गुगल ने कानून की धारा 27 (4) के अंतर्गत नीतियों का उल्लंघन किया है। इसके लिए सीसीआई द्वारा निर्देश जारी किये गए हैं। साथ ही अर्थ दंड भी लगाया गया है।
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