Hit and run new law: नव-अधिनियमित आपराधिक संहिता में हिट-एंड-रन मामलों(Hit-and-run cases in the newly enacted Criminal Code) में सजा की मात्रा में वृद्धि के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों द्वारा देशव्यापी विरोध प्रदर्शन(Nationwide protests by truck drivers) ने 2 जनवरी को कुछ हिस्सों में ईंधन आपूर्ति को प्रभावित किया। सरकार आंदोलनकारी ट्रांसपोर्टरों के पास पहुंची और गृह सचिव अजय भल्ला तथा ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के प्रतिनिधियों के बीच देर शाम हुई बैठक के बाद हड़ताल समाप्त कर दी गई।
बैठक के बाद अजय भल्ला ने कहा,“हमने ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। सरकार कहना चाहती है कि नया कानून अभी लागू नहीं हुआ है। हम कहना चाहते हैं कि भारतीय न्याय संहिता 106/2 को लागू करने से पहले, हम ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करेंगे। ”
बता दें कि ट्रक ड्राइवर जम्मू-कश्मीर, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में सड़कों पर उतर आए थे। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में भी कुछ विरोध प्रदर्शन हुए। वे मांग कर रहे थे कि सरकार हाल ही में पारित भारत न्याय संहिता में उस प्रावधान को वापस ले, जिसके तहत हिट-एंड-रन मामलों में जेल की अवधि दो साल से बढ़ाकर 10 साल कर दी गई है।
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AIMTC ने कहा कि अगर कानून वापस नहीं हुआ तो ज्यादातर ड्राइवर अपनी नौकरी छोड़ देंगे। विरोध प्रदर्शन के कारण पिछले दो दिनों से लगभग 60-70 प्रतिशत ट्रक सड़कों पर नहीं थे। देश के लगभग 1 करोड़ ट्रक ड्राइवरों में से एक बड़ी संख्या हड़ताल पर थी। गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि भारत न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 106 (2) को लेकर भ्रम की स्थिति है। बीएनएस के तहत, धारा 106 (1) में 0-5 साल की सजा का प्रावधान है, जबकि धारा 106 (2) में ‘हिट एंड रन’ मामलों में 0-10 साल की सजा का प्रावधान है।