MP: मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खितौली और पतौर रेंज में अब तक 10 हाथियों ने दम तोड़ दिया है। इन मौतों की गुत्थी सुलझाने के लिए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने जांच शुरू कर दी है। 2 नवंबर को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो ने मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत की जांच के लिए एक टीम का गठन किया है। यह दल इस मामले में स्वतंत्र जांच कर रहा है।
राज्य सरकार भी करा रही है जांच
मंत्रालय ने बताया कि मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने भी मामले की जांच करने और सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए पांच सदस्यीय राज्य स्तरीय समिति का गठन किया है। पांच सदस्यीय समिति का नेतृत्व एपीसीसीएफ (वन्यजीव) करता है। समिति में नागरिक समाज, वैज्ञानिक और पशु चिकित्सक के सदस्य हैं। राज्य बाघ स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) के प्रमुख द्वारा भी इस मामले की जांच की जा रही है। एसटीएसएफ प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव वार्डन, मध्य प्रदेश बांधवगढ़ में डेरा डाले हुए हैं और जांच एवं इस मामले में की जा रही कार्रवाई का पर्यवेक्षण कर रहे हैं।
जहर देना हो सकता है कारण
मंत्रालय के मुताबिक मध्य प्रदेश राज्य के संबंधित अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराई गई प्रारंभिक सूचना के अनुसार हाथियों की मौत जहर के कारण हो सकती है। मृत्यु के अंतिम कारण का पता मुकम्मल जांच, विस्तृत पोस्टमॉर्टम रिपोर्टों, हिस्टोपैथोलॉजिकल और टॉक्सिकोलॉजिकल रिपोर्टों के परिणामों और अन्य पुष्टिकारक साक्ष्यों के बाद ही लगाया जा सकेगा। इसके अलावा राज्य के अधिकारियों द्वारा ऐसी घटनाओं की संभावनाओं से बचने के लिए निवारक उपाय किए जा रहे हैं और राज्य में अन्य हाथियों के झुंडों की निगरानी की जा रही है।
Press Conference: कांग्रेस जब भी सत्ता में आई…! भाजपा ने देश की सबसे पुरानी पार्टी पर लगाया ये आरोप
पहले चार फिर मृतकों की संख्या हो गई 10
उल्लेखनीय है कि 29 अक्टूबर को वन अधिकारियों को पेट्रोलिंग के दौरान 4 हाथी मरे मिले। अगले दिन भी कई हाथियों के अस्वस्थ्य होने की खबर मिली। एक अक्टूबर तक मृत पाए जाने वाले हाथियों की संख्या बढ़कर 10 हो गई।