चंद्रमा पर सूर्योदय के साथ ही 16 दिनों के स्लीप मोड के बाद 22सिंतबर को इसरो द्वारा चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) और विक्रम लैंडर को सक्रिय किया जाएगा। चंद्रमा पर सूर्य की रोशनी पड़ने से लैंडर और रोवर पर लगे सौर पैनलों के चार्ज होने की संभावना है। 21 सितंबर को इसरो ने जानकारी दी थी कि दोनों के सक्रिय हो जाने से हमें चंद्रमा की सतह के बारे में और जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
दूसरा चरण शुरू करने वाला दुनिया का पहला देश
चंद्रयान-3 के बाबत 21 सितंबर को संसद में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Dr. Jitendra Singh) ने कहा कि चंद्रयान-3 के सौर ऊर्जा से संचालित लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के साथ इसरो फिर से संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहा है ताकि उन्हें पुनर्जीवित किया जा सके और वैज्ञानिक प्रयोग जारी रखा सके। दोनों के संचार सर्किट सक्रिय होने के बाद भारत चंद्र मिशन का दूसरा चरण शुरू करने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। रोवर और लैंडर को इस महीने की शुरुआत में 2 और 4 सितंबर को 14 दिनों की अवधि की चंद्र रात से पहले स्लीप मोड में डाल दिया गया था। उन्होंने कहा कि रात में शून्य से 150 डिग्री नीचे से लेकर दिन के समय 100 डिग्री तक तापमान में भारी अंतर होता है, और इसलिए, उम्मीद और प्रार्थना की जा रही है कि सौर बैटरी और सौर पैनल चंद्रमा मिशन के अभूतपूर्व दूसरे चरण की शुरुआत में करने में मदद करेंगे।
इसरो के बजट में हुई बढ़ोतरी
कुछ विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाई गई चिंताओं का जवाब देते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि इसरो (ISRO) के बजट में 2013-14 के 5,168 करोड़ रुपये से 142 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई और चालू वित्त वर्ष में यह 12,543 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह, सभी विज्ञान मंत्रालयों और विभागों का बजट 2013-14 में 21,025 करोड़ से बढ़ाकर 2022-23 में 57,303 करोड़ रुपये कर दिया गया, जो 172 प्रतिशत से अधिक की छलांग है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के थूथुक्कुडी में जल्द ही एक नए अंतरिक्ष प्रक्षेपण स्टेशन का उद्घाटन किया जाएगा, जिसके लिए भूमि अधिग्रहण का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
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