चंद्रयान-3 ने लगाई लंबी छलांग, पृथ्वी की आखिरी कक्षा में पहुंचा; जानें चंद्रमा कितनी दूर

चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग 23 अगस्त की शाम पांच बजकर 47 मिनट पर होने की उम्मीद है।

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भारत (India) ने अंतरिक्ष में उड़ान भरकर एक और इतिहास भर दिया है। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) अंतरिक्ष (Space) में भारत का झंडा फहराने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसी कड़ी में चंद्रयान-3 ने एक और लंबी छलांग लगाई है। चंद्रयान-3 पृथ्वी की आखिरी कक्षा में पहुंच गया है। चंद्रयान-3 आज आखिरी बार पृथ्वी (Earth) का चक्कर लगाएगा। इसके बाद चंद्रयान-3 को सीधे चंद्रमा (Moon) की ओर भेजा जाएगा। चंद्रयान-3 के 1 अगस्त की रात को चंद्रमा के लिए रवाना होने की उम्मीद है।

चंद्रयान-3 आज आखिरी बार पृथ्वी का चक्कर लगाएगा। इसके बाद चंद्रयान-3 को सीधे चंद्रमा की ओर भेजा जाएगा। इसके बाद 31 जुलाई या 1 अगस्त को चंद्रयान-3 को चंद्रमा की ओर जाने वाले लंबे गैलेक्टिक हाईवे (लूनर ट्रांसफर ट्रैजेक्टरी-एलटीटी) पर उतारा जाएगा। चंद्रयान-3 को गुलेल से उड़ाया जाएगा। चंद्रयान-3 के 1 अगस्त की रात को चंद्रमा के लिए रवाना होने की उम्मीद है। फिर यह चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाना शुरू कर देगा।

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कब होगी सॉफ्ट लैंडिग?
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा था कि सब ठीक रहने पर चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग 23 अगस्त यानी बुधवार की शाम पांच बजकर 47 मिनट पर होगी।

चंद्रयान-3 को चांद तक पहुंचाने के लिए पांच पैंतरेबाज़ी होगी। 23 अगस्त तक चंद्रमा की सतह पर उतरने की संभावना है, जिसके बाद चंद्रयान-3 पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा। लैंडर मॉड्यूल 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। लैंडर की असली चुनौती 23 अगस्त को है। विक्रम लैंडर के चारों पैरों की ताकत बढ़ा दी गई है। नये सेंसर, नये सोलर पैनल लगाये गये हैं। चंद्रयान-3 का लैंडिंग एरिया 4 किमी x 2.5 किमी रखा गया है। यानी चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर इतने बड़े इलाके में उतर सकता है।

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