चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिग करेगा, इसका काउंट डाउन शुरू हो गया है। यह देश के लिए गर्व और प्रत्येक भारतीय के लिए कौतुहल का विषय है। इसरो के वैज्ञानिकों के लिए चंद्रयान-3 का प्रत्येक क्षण चिंता भरा है। लेकिन, वैज्ञानिकों को जो सबसे अधिक चिंतित कर रहा है, वह है ‘फिफटीन मिनट ऑफ टेरर’।
23 अगस्त की शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। यह वह क्षेत्र है जहां अभी तक कोई मून मिशन (Moon Mission) नहीं पहुंचा है। इसके अलावा चंद्रयान-2 की किंचित असफलता से वैज्ञानिकों में चिंता भी है। चंद्रयान-3 अब 35 किलोमीटर की ऊंचाए से नीचे जा रहा है। जिसके पल पल में बदलते आंकड़े वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ाए हुए हैं। लेकिन, इस चिंता में भी सबसे बड़ी चिंता है 15 मिनट्स ऑफ टेरर (15 Minutes of Terror)
क्या है 15 मिनट्स टेरर?
Chandrayan-3 मिशन की सबसे बड़ी चुनौती आखिरी के 15 मिनट होंगे। इस 15 मिनट में विक्रम लैंडर को अपने आप सफर को पूरा करना होगा। उसे ISRO से कोई कमांड नहीं मिलेगी। यानी विक्रम लैंडर (Vikram Lander) को सही वक्त, दूरी और फ्यूल के सही उपयोग का आकलन करके लैंडिंग (Landing) करना होगा। चंद्रयान-2 (Chandrayan-2) मिशन के दौरान भी इसरो का लैंडर सही तरीके से आगे बढ़ रहा था, लेकिन आखिरी के 2 मिनटों में मामला पलट गया।
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