चंद्रयान-3 मिशन अपने सबसे महत्वपूर्ण काल में पहुंच गया है। विक्रम लैंडर के चंद्रमा पर उतरने की स्थिति में वह अकेला नहीं है, जो धरती पर चंद्रमा की जानकारी देगा। इसके लिए विक्रम लैंडर के साथ चार संगिनियां गई हैं। जिसमें रंभा, चास्टे, इल्सा और एरे का समावेश है।
चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayan-3 Mission) के विक्रम लैंडर (Vikram Lander) के साथ इसरो ने चार पे लोड भेजे हैं। जो विक्रम लैंडर के चंद्रमा पर उतरने के बाद बाहर निकलेंगे और चंद्रमा से संबंधित जानकारियां इसरो को भेजेंगे। इसमें पहला पे लोड है (RAMBHA) रंभा, जिसे रेडियो एनाटॉमी ऑफ मून बाउंड हाइपरसेंसिटिव आयनोस्फीर कहते हैं। यह चांद की सतह पर पहुंचनेवाली सूरज की प्लाज्मा कणों का अध्ययन करेगी और उसकी रिपोर्ट धरती पर भेजेगी। इसके अलावा दूसरा पे लोड है चास्टे ChaSTE), जो चंद्रमा की सतह का तापमान जांचेगा, इसके साथ ही तीसरा पे लोड है इल्सा (ILSA) जो लैंडिंग के स्थान के आसपास भूकंपीय गतिविधियों की जांच करेगा और चौथा पे लोड है एरे, जो लेजर रेट्रोफ्लेक्टर एरे है, वह चंद्रमा के डायनेमिक्स को समझेगा और उसकी रिपोर्ट धरती को भेजेगा।
ये भी पढ़ें – चंद्रयान-3 की लैंडिंग में दक्षिण अफ्रीका से वर्चुअली शामिल होंगे पीएम मोदी
भारत विश्व में पहला देश
चंद्रमा (Moon) के दक्षिणी ध्रुव (South Pole) पर बर्फ और पानी मिलने की आशा है। इसके अलावा यह क्षेत्र प्रकाश से भी अछूता है। इसके कारण चंद्रमा पर पहुंचनेवाले अन्य देशों के चंद्र मिशन से यह दूर है। भारत का विक्रम लैंडर जैसे ही चंद्रमा की धरती पर लैंड करेगा, भारत के नाम एक बड़ी कीर्ति जुड़ जाएगी।