केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने शनिवार (12 अप्रैल) को रायगढ़ (Raigad) में कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) सिर्फ महाराष्ट्र (Maharashtra) तक ही सीमित नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। खुद को ‘आलमगीर’ कहने वाले औरंगजेब की हार महाराष्ट्र में हुई थी और उसकी कब्र भी यहीं है। वह शनिवार को रायगढ़ जिले में शिवाजी महाराज की 354वीं पुण्यतिथि स्मरणोत्सव समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्हें शिंदेशाही पगड़ी और कावड़ी की माला से सम्मानित किया गया।
अमित शाह ने कहा कि जीजाबाई ने न केवल शिवाजी को जन्म दिया, बल्कि बालक शिवाजी को स्वराज्य का विचार भी दिया। उन्होंने हिंदवी स्वराज्य के संस्थापक को बनाने का महान कार्य किया। रायगढ़ में स्वर्ण सिंहासन पर शिवाजी को श्रद्धांजलि देते हुए अपनी भावनाओं को शब्दों में व्यक्त करना कठिन है। शाह ने कहा कि शिवराज ने अपना पूरा जीवन स्वराज्य और स्वधर्म के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने आदिलशाही और निजामशाही से घिरे महाराष्ट्र को हिंदू स्वराज्य में बदलने का ऐतिहासिक काम किया।
छत्रपति शिवाजी महाराज जी की पुण्यतिथि पर महाराष्ट्र के रायगढ़ किले पर आयोजित कार्यक्रम से लाइव…
छत्रपती शिवाजी महाराज यांचे जीवन मातृभूमीची सेवा आणि सुशासनाचा आदर्श आहे.शिवाजी महाराज यांच्या पुण्यतिथीनिमित्त रायगड किल्ल्यावर आयोजित कार्यक्रमातून लाईव्ह. https://t.co/TJgTfa81cD
— Amit Shah (@AmitShah) April 12, 2025
केन्द्रीय गृहमंत्री ने शिवाजी के साहस की महानता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके जन्म के समय महाराष्ट्र अंधकार में डूबा हुआ था और स्वधर्म व स्वराज्य की बात करना अपराध माना जाता था। शिवरात्रि पर भगवा ध्वज फहराने और स्वराज्य स्थापित करने का संकल्प लिया गया। मैंने कई नायकों की जीवनी पढ़ी है, लेकिन मुझे किसी भी नायक में शिवाजी जैसा साहस और पराक्रम नहीं दिखा। आज हम छत्रपति शिवाजी महाराज के रायगढ़ से संकल्प कर रहे हैं कि जब हमारी आजादी के 100 साल पूरे होंगे, तो भारत दुनिया में नंबर एक होगा।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि शिवाजी की विरासत केवल महाराष्ट्र तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह देश और दुनिया के लिए प्रेरणा है। शिवाजी के बाद के युग में मराठों ने औरंगजेब के हमलों का कैसे सामना किया, इसका जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि छत्रपति संभाजी महाराज, राजाराम महाराज, तारा रानी, संताजी और धनाजी ने औरंगजेब के खिलाफ अथक संघर्ष किया। इसीलिए उनकी समाधि इसी धरती पर बनाई गई है। मराठों के इस पराक्रम के कारण स्वराज्य की गरिमा बरकरार रही।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, सांसद छत्रपति उदयनराजे भोसले, मंत्री आशीष शेलार और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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