हताश नक्सलियों ने की कोबरा बटालियन कैंप पर फायरिंग, तीन जवान घायल

विभिन्न कैम्पों के स्थापित होने के साथ ही सुरक्षा बलों के द्वारा लगातार नक्सल उन्मूलन अभियान से नक्सली बैकफुट पर हैं और किसी भी बड़ी घटना को अंजाम देने में नाकाम रहें हैं।

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नक्सलियों के मलिंगेर एरिया कमेटी के सचिव सोमडू द्वारा जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि, दरभा डिवीजन इलाके में बीते सालभर में अलग-अलग इलाकों में सुरक्षाबलों के नए कैम्प स्थापित किए हैं। प्रेस नोट में दन्तेवाड़ा जिले के पोटाली, नहाड़ी, बरेगुडम, वानकापाल, पंचायतों में जबरदस्ती पुलिस कैम्प स्थापित करने का आरोप लगाया गया है। नये कैम्प स्थापित करने के चलते जंगल की कटाई की जा रही है, जिसमें ग्रामीणों के आजीविका पर असर हो रहा है।

जिले के चिंतागुफा थाना क्षेत्र अंर्तगत ग्राम एलमागुंडा में एक माह पहले ही खोले गए सीआरपीएफ कोबरा बटालियन के कैंप में नक्सलियों ने 21 मार्च की सुबह लगभग 6.10 बजे हमला किया। नक्सलियों की ओर से की गई फायरिंग में तीन जवानों के घायल होने की सूचना है। सुकमा पुलिस ने हमले की पुष्टि की है।

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पुलिस-नक्सली मुठभेड़ को फर्जी बताया
नक्सलियों ने फरवरी माह में बुर्गुम पंचायत में हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ को फर्जी बताया है। नक्सलियों ने कहा है कि मुठभेड़ में कोई फायरिंग नहीं हुई है बल्कि अर्जुन सोढ़ी को निहत्थे पकड़ कर सुरक्षा बलों द्वारा हत्या की गई, जिसकी न्यायिक जांच करने की मांग की गई है।

नक्सलियों ने अचानक शुरू कर दी फायरिंग
प्राप्त जानकारी के अनुसार सीआरपीएफ कोबरा बटालियन के एलमागुंडा कैंप में 21 मार्च की सुबह नक्सलियों ने फायरिंग कर दी। अचानक हुए इस हमले पर जवानों की जवाबी कार्रवाई से कुछ देर बाद नक्सली वहां से भाग खड़े हुए। नक्सलियों की इस फायरिंग में हेड कांस्टेबल हेमंत चौधरी, कांस्टेबल बसप्पा और कांस्टेबल ललित बाघ घायल हुए हैं। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

नए कैंप के खुलने से नक्सली नाराज
बता दें कि सीआरपीएफ कोबरा बटालियन का एलमागुंडा कैंप चिंतागुफा से करीब 12 किमी. तथा पश्चिम दिशा में मीनपा कैंप से करीब 5.5 किमी. दक्षिण में स्थित है। यह इलाका जिले का सबसे ज्यादा नक्सल संवेदनशील माना जाता है, इस कैंप के खुलने से नक्सलियों में बौखलाहट है। यहां ग्रामीणों और जवानों ने साथ मिलकर 2 दिन पहले होली मिलन समारोह का आयोजन किया था।

बैकफुट पर नक्सली
विभिन्न कैम्पों के स्थापित होने के साथ ही सुरक्षा बलों के द्वारा लगातार नक्सल उन्मूलन अभियान से नक्सली बैकफुट पर हैं और किसी भी बड़ी घटना को अंजाम देने में नाकाम रहें हैं। इसके अतिरिक्त पुलिस प्रशासन से नक्सल दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती कर रखी है। जिसकी वजह से नक्सली बौखलाए हुए हैं।

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