Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) में सुरक्षा बलों (security forces) ने पांच माओवादियों को मार गिराया (five Maoists killed) है। इस मुठभेड़ (encounter) में दो जवान भी घायल (two soldiers also injured) हो गए हैं। बस्तर जिले के अबुजमाड़ जंगल( Abujamad forest) में शनिवार (16 नवंबर) सुबह सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के कांकेर-नारायणपुर जिलों से लगा हुआ है।
मुठभेड़ स्थल से सुरक्षा बलों ने बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किये हैं। अधिकारियों ने बताया कि नक्सली हमले में डीआरजी के दो जवान भी घायल हुए हैं। घायल जवानों को रायपुर ले जाया गया है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक पी सुंदरराज ने बताया कि जंगल में मुठभेड़ जारी है और समय-समय पर फायरिंग भी हो रही है।
#WATCH | Raipur, Chhattisgarh: “…The encounter started around 6 am. The encounter is still going on. Around 5 Naxalites were killed. 2 soldiers were injured… one was shot in the leg and the other in the head. Both are safe,” says a jawan on the encounter with Naxalites in the… https://t.co/8IJEFghKZ8 pic.twitter.com/9BgdR3HZgu
— ANI (@ANI) November 16, 2024
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माओवादी विरोधी अभियान
पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज ने बताया कि कांकेर और अबुजमाड़ के उत्तरी सीमावर्ती जंगलों में माओवादियों की मौजूदगी की विशेष जानकारी मिलने के बाद जिला रिजर्व गार्ड, विशेष कार्य बल और सीमा सुरक्षा बल के सुरक्षाकर्मियों की एक संयुक्त टीम ने माओवादी विरोधी अभियान शुरू किया था। सर्च ऑपरेशन के दौरान सुबह 8 बजे माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई।
90 मिनट तक मुठभेड़
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डीएम अवस्थी ने बताया कि विशेष सूचना के आधार पर छत्तीसगढ़ पुलिस की एक टीम ने नारायणपुर के ओरछा से करीब 19 किलोमीटर दूर धुर्वेड़ा जंगल में माओवादियों के शिविर पर छापा मारा। माओवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी और करीब 90 मिनट तक मुठभेड़ चलती रही।डीजीपी ने बताया कि मुठभेड़ खत्म होने के बाद पुलिस ने पांच माओवादियों के शव और कार्बाइन समेत हथियार बरामद किये। डीजीपी ने कहा कि मुठभेड़ में हमारे दो जवान घायल हो गये।
तीन नक्सलियों के का बरामद
महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में फैले अबुज़ामद को ‘अज्ञात पहाड़ियों’ के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि ब्रिटिश काल के बाद से 6,000 वर्ग किलोमीटर घने जंगल का सर्वेक्षण नहीं किया गया है। नारायणपुर जिला प्रशासन ने 2017 में एक सर्वेक्षण करने का प्रयास किया था, लेकिन आईईडी विस्फोट के बाद योजना रद्द कर दी गई थी। जंगल माओवादी अभियानों का केंद्र है और हाल ही में सुरक्षा बलों ने बीजापुर जिले में तीन नक्सलियों के शव बरामद किए थे। इनमें से एक पर 8 लाख का इनाम था।
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