छत्तीसगढ़ के नारायगणपुर जिले के अबूझमाड़ में धर्म परिवर्तन के विरोध में ग्रामीणों का आरोप है कि ईसाई धर्म के लोग जबरन ग्रामीणों का धर्मांतरण करा रहे हैं। इस मामले को लेकर अबूझमाड़ के ग्रामीणों ने 2 फरवरी को नारायणपुर कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी और एसडीएस जितेंद्र कुर्रे को ज्ञापन सौंपा और धर्मांतरण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इसमें शामिल ग्रामीणों का मानना है कि धर्मांतरण अबूझमाड़ की आदिवासी संस्कृति के लिए खतरा है।
अबूझमाड़ के तीन गांव स्तूरमेटा, नेडनार, कलमानार के सैकड़ों ग्रामीण जिला मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने यहां धर्म परिवर्तन को लेकर ईसाई धर्म का बहिष्कार करने की मांग की है।
ग्रामीणों का आरोप
अबूझमाड़ के ग्रामीणों का कहना है कि हमारे क्षेत्र में धर्म विशेष के लोगों को कई बार ग्राम सभा बैठक में धर्मांतरण के विरोध में समझाया गया है, बावजूद वे इस तरह का कार्य कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इससे हमारे आदिवासी रीति रिवाज, देवी देवताओं और संस्कृति को बहुत नुकसान हो रहा है।
जिला प्रशासन पर आरोप
ग्रामीणों ने बताया कि धर्मांतरण की शिकायत कई बार जिला प्रशासन के कार्यालय में पहुंचकर कलेक्टर से की गई, परंतु आज पर्यंत जिला प्रशासन धर्मांतरण को रोकने के लिए कोई विशेष रुचि नहीं दिखा रहा है, ना ही कोई ठोस कदम उठाया जा रहा है। इसलिए एक बार फिर ग्राम पंचायत कस्तूरमेटा, नेडनार, कलमानार के ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए रैली निकाल कर अपना विरोध जताया है।