छत्तीसगढ़ की आकांक्षा मिश्रा के पलामू में धर्म परिवर्तन कर जुनैब खातून बनाने के मामले में कार्रवाई के लिए छतीसगढ पुलिस पलामू पहुंची। पुलिस ने 8 अगस्त को पूछताछ के बाद केवल लड़की को अपने साथ ले गई। शहर थाना पुलिस के अनुसार युवक को यहीं छोड़ दिया गया। उसे तरहसी के गुरहा घर भेज दिया गया है।
एक साल पहले युवती का छत्तीसगढ़ के सूरजपुर के रहने वाले नितिन गुप्ता के साथ शादी हुई थी। इसके बावजूद तरहसी थाना क्षेत्र के गुरहा निवासी मो साजिद, जो सूरजपुर में रहकर मोटरसाइकिल मैकेनिक का काम करता था, उसे भगा कर अपने घर गुरहा ले आया और यहां आकांक्षा का धर्म परिवर्तन कर उसे जूनैब नाम दे दिया गया। इसके बाद दोनों ने निकाह कर लिया।
यह है मामला
आकांक्षा के धर्म परिवर्तन करने और निकाह का प्रमाण पत्र प्रखंड स्तर से बनवाने के लिए किए गए आवेदन पर परिवार वालों को गुरहा पंचायत की मुखिया सब्बा फिरदौस खान और पंचायत सचिव ईश्वरी मांझी के द्वारा अंबिकापुर घर पर भेजे गए नोटिस से मामला सामने आया था, जिसके बाद आकांक्षा के पिता जितेंद्र मिश्रा, पति नितिन गुप्ता, मां और भाई पलामू पहुंचें और पूरे मामले से विधायक शशिभूषण मेहता को अवगत कराया।
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आरोपी ने लड़की के साथ किया सरेंडर
7 अगस्त को आरोपित युवक ने लड़की के साथ पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। 7 अगस्त को ही भाजपा और हिंदूवादी संगठनों ने इसे लव जिहाद बताते हुए मेदिनीनगर शहर थाना से लेकर समाहरणालय तक प्रदर्शन किया। इसका नेतृत्व पांकी विधायक डा. शशिभूषण मेहता ने किया था। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर की रहने वाली आकांक्षा पहले से शादीशुदा है। लव मैरिज शादी हुई थी।
उल्लेखनीय है कि आकांक्षा मिश्रा 18 जून को भिलाई में बीएड कॉलेज जाने के लिए निकली थी। 22 जून की शाम से उसका फोन बंद हो गया। इसके बाद साजिद के साथ उसके होने की बात पता लगी। पिता जितेंद्र मिश्रा बेटी घर वापसी पर अड़े थे। लगातार कह रह थे, मर जाएंगे लेकिन धर्मांतरण नहीं करेंगे।
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