सर्वोच्चय न्यायालय में ‘फास्टर’ नामक नया सिस्टम शुूरू! जानें, क्या होंगे फायदे

चीफ जस्टिस एनवी रमना ने फास्ट एंड सिक्योर ट्रांसफर ऑफ इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स (फास्टर) नाम की नई व्यवस्था की शुरुआत एक वर्चुअल कार्यक्रम में की।

102

सर्वोच्चय न्यायालय ने न्यायालय के आदेशों को संबंधित अधिकारियों और जांच एजेंसियों तक जल्द पहुंचाने के लिए 31 मार्च से एक नई व्यवस्था शुरू की है। फास्ट एंड सिक्योर ट्रांसफर ऑफ इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स (फास्टर) नाम की इस व्यवस्था की शुरुआत एक वर्चुअल कार्यक्रम में चीफ जस्टिस एनवी रमना ने की।

इसके जरिए जमानत, गिरफ्तारी पर रोक जैसे महत्वपूर्ण आदेश जेल अधिकारियों और जांच एजेंसियों तक जल्द पहुंच सकेगी। दरअसल 8 जुलाई 2021 को सर्वोच्चय न्यायालय ने आगरा जेल में बंद 13 कैदियों की रिहाई का आदेश दिया था। 14 से 22 साल से जेल में बंद ये सभी कैदी अपराध के समय नाबालिग थे। इस जानकारी के आधार पर ही न्यायालय ने उनकी तुरंत रिहाई का आदेश दिया था। लेकिन उनकी रिहाई में 4 दिन से भी ज्यादा का समय लग गया। इस पर चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की। 16 जुलाई 2021 को न्यायालय ने ऐसी सुरक्षित व्यवस्था बनाने का आदेश दिया, जिससे सर्वोच्चय न्यायालय की तरफ से जारी हुआ आदेश तुरंत उच्च न्यायालय, जिला न्यायालय और जेल प्रशासन तक पहुंचाया जा सके।

ये भी पढ़ें – हड़कंपः काग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना के वकील सतीश उके गिरफ्तार! जानिये, क्या है मामला

सभी आदेश वेबसाइट पर अपलोड
सर्वोच्चय न्यायालय के सभी आदेश उसकी वेबसाइट पर अपलोड किए जाते हैं लेकिन अधिकारी आदेश की अभिप्रमाणित प्रति अपने पास पहुंचे बिना उस पर अमल नहीं करते। अब नई व्यवस्था में न्यायालय के आदेश की अभिप्रमाणित प्रति तुरंत संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाई जाएगी। ऐसा करते हुए इस बात का खास ख्याल रखा जाएगा कि आदेश सुरक्षित तरीके से पहुंचे, उसे हैकिंग या किसी और तरीके से नुकसान न पहुंचाया जा सके। इसके लिए विशेष लॉग-इन का इस्तेमाल होगा। ई-मेल के जरिए जिसे आदेश की सूचना भेजी जाएगी, वही उसे खोल सकेगा।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.