संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता को लेकर चीन ने नया राग अलापा है। उसने इस मामले में वैश्विक संस्था की शक्तिशाली परिषद के विस्तार के लिए सभी राष्ट्रों की स्वीकार्यता से पैकेज समाधान की बात की है। संयुक्त राष्ट्र में भारत और चीन के प्रतिनिधियों के बीच हुई चर्चा के बाद यह बात सामने आई है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 1 जनवरी से भारत ने अस्थाई रूप से सदस्यता स्वीकार की है। अगस्त में भारत को इस वैश्विक संस्था का अध्यक्ष पद मिलनेवाला है। चीन और भारत के प्रतिनिधियों के बीच दो दिन पहले हुई चर्चा के विषय में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय प्रवक्ता वांग ने बताया कि वर्चुअल बैठक में दोनों पक्षों के बीच सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। भारत और चीन के बीच बहुपक्षवाद, शांति अभियान और आतंकवाद की रोकथाम के विषयों पर चर्चा हुई।
स्थाई सदस्यता पर पैकेज समाधान का राग
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता को लेकर कहा कि, स्थाई सदस्यता के लिए जहां तक भारत की उम्मीदवारी की बाद है, मैं इस मुद्दे पर चीन के रुख को दोहरा सकता हूं। चीन इसमें ऐसा विस्तार चाहता है कि परिषद के प्राधिकार और दक्षता में वृद्धि हो, विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व बढ़े और आवाज उठाने के लिए महत्वपूर्ण मंच मिले। इसे व्यापक संभावित लोकतांत्रिक परामर्श के माध्यम से किया जाना चाहिये और एक पैकेज समाधान खोजना चाहिए, जो सर्व पक्षों की हितों और चिंताओं पर ध्यान दे।