शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक मंच पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग थे। वे क्षेत्रीय सुरक्षा और देशों के मध्य व्यापारिक और आर्थिक संबंधों पर बात कर रहे थे, तो दूसरी ओर उनका देश संयुक्त राष्ट्र में भारत समेत विश्व के विरुद्ध आतंकियों का समर्थन कर रहा था। यह प्रकरण मुंबई आतंकी हमले के दोषी साजिद मीर को काली सूची में डालने का है, जिसे अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पटल पर रखा था, जिसका चीन ने विरोध कर दिया।
कौन है साजिद मीर?
साजिद मीर 26/11 मुंबई आतंकी हमलों का दोषी है। वह लश्कर ए तैयबा से संबद्ध है और हमले का षड्यंत्रकारी है। साजिद मीर को भारत ने अतिवांछित आतंकियों की सूची में रखा है। साजिद के विरुद्ध अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव लाया था। जो अल कायदा प्रतिबंध समिति 1267 के अंतर्गत था। इसका चीन ने विरोध कर दिया। यदि यह पारित हो जाता तो, साजिद मीर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी होने के कारण वैश्विक रूप से काली सूची में डाल दिया जाता, जिससे आतंकी साजिद की आवाजाही और धन संपदा पर कार्रवाई की जा सकती थी।
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पाकिस्तान पोषित आतंकियों का समर्थन
चीन सदा से ही आतंकियों का साथ देता रहा है। भारत के विरुद्ध मोर्चा खोलनेवाले पाकिस्तान समर्थित आतंकियों का साथ चीन लगातार देता रहा है। इसके पहले जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के बाई अब्दुल रऊफ मजहर को आतंकी गतिविधियों के कारण काली सूची में डालने के प्रस्ताव पर चीन ने विरोध कर दिया था।