ड्रैगन ने वही किया, जिसकी आशंका दुनिया भर में जताई जा रही थी। उसने अपने देश के वुहान शहर में विश्व स्वास्थ्य संगठन( डब्ल्यूएचओ) की टीम को आने से रोक दिया है। वुहान चीन का वही शहर है, जहां सबसे पहले कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ और फिर पूरी दुनिया में तबाही मचा दी। चीन के इस कदम को विश्व भर के देश शंका की नजर से देख रहे हैं। डब्ल्यूएचओ की टीम वुहान में कोरोना वायरस की उत्पति का पता लगाने के प्रयास में आना चाहती है। इसके लिए इस टीम का विशेष रुप से गठन किया गया है।
ड्रैगन का बहाना
मिली जानकारी के अनुसार चीन ने कहा है कि टीम के सदस्यों को अभी तक वीजा की मंजूरी नहीं मिली है, जबकि सच्चाई यह है कि टीम के कुछ सदस्य यात्रा प्रारंभ कर चुके हैं। विश्व भर के देश चीन के इस कदम पर सवाल उठा रहे हैंं। वे जानना चाहते हैं कि आखिर वुहान में ऐसा क्या है, जिसे चीन छिपाना चाह रहा है।
"But I've been in contact with senior Chinese officials & I have once again made clear that the mission is a priority for WHO & the international team"-@DrTedros #COVID19 https://t.co/XfRCznUwR7
— World Health Organization (WHO) (@WHO) January 5, 2021
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डबल्यूएचओ ने जताई आपत्ति
डबल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेड्रोस एडनोम गेब्रेसियस ने ड्रेगन की इस चाल पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है टीम को प्रवेश देने के लिए चीन को फेन किया गया था। उन्होंने कहा कि वे इस खबर से बहुत निराश हैं। उन्होंने कहा कि टीम के कुछ सदस्य वुहान के लिए यात्रा शुरू कर चुके हैं, जबकि बाकी सदस्यों को अंतिम समय में यात्रा नहीं करने दी गई। हालांकि उन्होंने कहा कि वे अभी भी चीन के अधिकारियों के संपर्क में हैं। ट्रेड्रोस ने सप्ष्ट किया कि ये मिशन डब्ल्यूएचओ और अंतर्राष्ट्रीय टीम की प्राथमिकता में शामिल है।
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विशेषज्ञों की टीम
बता दें कि कोरोना वायरस की उत्पति का पता लगाने के लिए डब्ल्यूएचओ और संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने विशेषज्ञों की एक टीम बनाई है। ट्रेड्रोस ने कहा कि यह मिशन टीम की प्राथमिकता है। इस बारे में उन्हें आश्वासन दिया गया था कि चीन इसके लिए जरुरी प्रक्रियाओं को पूरी कर रहा है। ट्रेड्रोस ने कहा कि डब्ल्यूएचओ जल्द से जल्द यह मिशन पूरा करना चाहता है। विश्व भर के विशेषज्ञों को वुहान पहुंचने की संभावना है।
करीब एक साल पहले वुहान से शुरू हुआ था कोरोना संक्रमण
बता दें कि करीब एक साल पहले इसी शहर से कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू हुआ था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपात काल कार्यक्रम के मुखिया माइकल रेयान ने कहा है कि विशे।ज्ञों को 5 जनवरी को वुहान पहुंचना था, लेकिन उन्हें वीजा समेत जरुरी प्रक्रियाएं पूरी नहीं होने की बात कहकर चीन ने रोक दिया है।
चीन करता रहा है इनकार
चीन ने शुरू से ही वुहान से कोरोना की उत्पति होने की आशंकाओं को निराधार बता रहा है। पिछले दिनों उसने कहा था कि वह डब्ल्यूएचओ को वुहान में कोरोना की उत्पति स्थल का पता लगाने में मदद करने के लिए तैयार है।
दुनिया के निशाने पर चीन
विश्व में महामारी फैलने को लेकर चीन शुरू से विश्व भर के देशों के निशाने पर रहा है। वे चीन के वुहान शहर को उसकी उत्पति स्थल मानते हैं। उनका आरोप है कि चीन ने समय रहते इस खतरनाक बीमारी के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं कराई।
ड्रैगन और डब्ल्यूएचओ पर गंभीर आरोप
चीन के साथ ही डब्ल्यूएचओ भी कोरोना संक्रमण को लेकर निशाने पर रहा है। इस मामले में संगठन पर चीन की मदद करने और पूरी दुनिया को गुमराह करने के आरोप लगते रहे हैं। अमेरिका और भारत समेत विश्व के 62 से अधिक देशों ने इसे लेकर डब्ल्यूएचओ को कटघरे में खड़ा किया है। यहां तक कि अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ को दिये जानेवाले फंड पर रोक लगा दी है। डब्ल्यूएचओ पर अमेरिका समेत कई देशों ने चीन के प्रति नरमी बरतने का आरोप लगाया है।