इंडियन एयरलाइंस विमान के अपहरण का मुख्य षड्यंत्रकारी चीन की चालबाजी से बच गया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के पंद्रह सदस्यों के बीच भारत ने जैश ए मोहम्मद के टॉप कमांडर अब्दुल रऊफ अझर पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। जिस पर चौदह सदस्य देशों ने समर्थन किया परंतु, चीन ने अपने विटो का उपयोग करते हुए, इस प्रस्ताव को लंबित कर दिया।
आतंकी अब्दुल रऊफ अझर के लिए चीन मददगार बन गया है। जब अमेरिका सहित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी देश अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध के समर्थन में वोट कर रहे थे, उस समय चीन ने विरोध किया। जिसका परिणाम यह हुआ कि, जैश ए मोहम्मद का टॉप कमांडर अब्दुल रऊफ अझर खुला छूट गया। इस तरह से चीन ने पाकिस्तान से अपनी मित्रता निभाई।
प्रतिबंधों का क्या होता परिणाम?
जैश ए मोहम्मद के आतंकी अब्दुल रऊफ पर यदि वैश्विक प्रतिबंध लग जाता तो वह विदेश यात्रा नहीं कर पाता। इसके साथ ही उसकी सारी संपत्तियां जप्त हो जातीं। उसकी गिरफ्तारी और सजा का मार्ग भी प्रशस्त हो जाता।
अब्दुल के साथ चालबाज चीन
जैश ए मोहम्मद जम्मू कश्मीर समेत भारत में आतंकी षड्यंत्र रचनेवाला आतंकी संगठन है। जिसका टॉप कमांडर है अब्दुल रऊफ अझर, वह भारत के खिलाफ तीन बड़े षड्यंत्रों मे सम्मिलित रहा है।
- वर्ष 1999 में अफगानिस्तान के कंदहार में इंडियन एयरलाइन्स विमान अपहरण का षड्यंत्रकारी और उसे अंजाम देनेवालों मे शामिल रहा है।
- वर्ष 2001 में भारतीय संसद भवन पर हमले का सूत्रधार
- वर्ष 2016 में पठानकोट स्थित भारतीय वायुसेना कैम्प पर हमले का सूत्रधार
अब्दुल रऊफ भारत के विरुद्ध लगातार आतंकी गतिविधियों का संचालन करता रहा है। जिसमें असंख्य लोगों की जान गई है।
पाकिस्तानी यारी में पड़ा है चीन
अब्दुल रऊफ पहला आतंकी नहीं है जिसकी सहायता में चीन ने विटो का उपयोग किया है। वह पहले भी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध के विरोध में विटो पावर का उपयोग करता रहा है। जिससे यूएनएससी अल कायदा और आईएसआईएल सैंक्शन कमेटी की कार्रवाई को ठंडे बस्ते में चली गई। भारत जून में जब अब्दुल रहमान मक्की पर भी प्रतिबंध का प्रस्ताव लाया था, उस समय भी विटो का उपयोग करके कार्रवाई को रोक दिया था।