India-China: चीन के निवेश की हो जांच, सीमा तनाव के बीच विदेश मंत्री ने क्या कहा?

चीन के साथ संबंधों को लेकर अहम बयान देते हुए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत को चीन के साथ एक खास समस्या है। उन्होंने कहा कि इस पर न केवल भारत बल्कि दुनिया के दूसरे देश भी बहस कर रहे हैं।

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एक कार्यक्रम में बोलते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (Foreign Minister Dr. S Jaishankar) ने भारत-चीन (India-China) संबंधों पर चर्चा की। जहां चीन दुनिया के लिए एक सामान्य समस्या है, वहीं भारत के लिए चीन एक विशेष समस्या है और इसकी प्रकृति अधिक गंभीर है। उन्होंने कहा है कि सीमा (Border) की स्थिति और चीन के साथ भारत के संबंधों के आधार पर उनसे आने वाले निवेश (Investment) की जांच की जानी चाहिए।

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, ”अगर लोग चीन के साथ व्यापार घाटे के बारे में शिकायत कर रहे हैं, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ दशक पहले हमने चीन में विनिर्माण की प्रकृति और उन्हें होने वाले लाभों को लगातार नजरअंदाज किया था। चीन की अनोखी राजनीति, अनोखी अर्थव्यवस्था इसे बनाती है अनोखी समस्या।” जब तक हम उनकी विशिष्टता को ध्यान में रखने की कोशिश नहीं करेंगे, हम चीन पर चर्चा करने वाले दुनिया में अकेले नहीं होंगे। जयशंकर ने इस ओर भी ध्यान दिलाया।

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निवेश के मुद्दे पर बोलते हुए जयशंकर ने कहा, ”चीन की समस्या भारत तक सीमित नहीं है। जब हम चीन के साथ व्यापार, निवेश, विभिन्न आदान-प्रदान करते हैं, तो अगर हम यह महसूस करने की उपेक्षा करते हैं कि यह उनके काम करने के तरीके से बहुत अलग देश है, तो कई चार साल से चीन के साथ सीमा पर बहुत कठिन स्थिति है, इसलिए मैं समझता हूं कि भारत और चीन के बीच चीन से होने वाले निवेश की भी जांच की जाएगी सीमाओं और रिश्ते की स्थिति को इसका पूरक होना चाहिए।”

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