राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ रहा है। 23 जुलाई की सुबह सात बजे पुराना लोहा पुल पर यमुना नदी का जलस्तर 205.81 मीटर दर्ज किया गया। अगर यह 206.7 मीटर तक पहुंच गया तो यमुना में फिर बाढ़ आ सकती है।
इस कारण बढ़ी चिंता
हरियाणा के यमुनानगर के हथिनीकुंड बैराज से दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है। इससे दिल्ली सरकार की चिंता बढ़ गई है। दिल्ली की राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि केंद्रीय जल आयोग के ताजा अपडेट के अनुसार आज शाम तक यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर सकती है। ऐसी स्थिति में उत्पन्न संभावित जोखिम और चुनौती से निपटने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं पूरी सरकार तैयार है।
महाराष्ट्रः विदर्भ और कोंकण में अगले पांच दिन बारिश! जानिये, मुंबई, पुणे में का क्या है हाल
राहत शिविरों में बड़े पैमाने पर तैयारी
उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों की सुविधा के लिए राहत शिविरों में बड़े पैमाने पर तैयारी की गई है। लोगों को सम्मानजनक तरीके से ठहराने और समर्थन देने के लिए सभी जरूरी व्यवस्था की गई है। उन्होंने लोगों से भी सहयोग की अपील की है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों भी दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं पंजाब और हरियाणा की नदियां
इस बीच पड़ोसी राज्य हरियाणा के अलावा पंजाब में भारी बारिश से नदियां उफान पर हैं। हथिनीकुंड बैराज से 22 जुलाई को छोड़े 2.23 लाख क्यूसेक पानी से हिंडन और यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पांच जगह बादल फटे हैं। इससे कई जगह सड़कें ध्वस्त हो गईं। मलबा आने से कई हाइवे अवरुद्ध हैं।