इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ (Lucknow) बेंच ने 69,000 शिक्षक भर्ती (Teacher Recruitment) में चयनित अभ्यर्थियों की चयन सूची एक बार फिर से तैयार करने का आदेश दिया है। जिसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग (Education Department) में हड़कंप मच गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए छुट्टी के दिन शनिवार (17 अगस्त) को भी स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने बेसिक शिक्षा निदेशालय खुलवाया और अधिकारियों के साथ बैठक की।
सूत्रों के अनुसार, रविवार (18 अगस्त) को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) इस मामले में बेसिक शिक्षा विभाग और शासन के प्रमुख अधिकारियों के साथ बैठक करने वाले हैं। बताया जा रहा है कि इस मामले में योगी सरकार महाधिवक्ता की राय लेने के बाद ही आगे बढ़ेगी। साथ ही मामले में अब तक की गई कार्रवाई का ब्योरा भी जुटाया। कयास लगाए जा रहे हैं कि रविवार को होने वाली बैठक में विभाग सीएम योगी से अपने सभी पहलुओं पर चर्चा कर सकता है। जिसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से एक प्रेजेंटेशन भी तैयार किया जा रहा है। जिसे विभाग आज की बैठक में सीएम के सामने पेश करेगा।
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जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल ये मामला यूपी में हुई 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती से जुड़ा है, जिसमें घोटाले के बाद मामला इलाहाबाद कोर्ट में चल रहा था। लखनऊ बेंच ने बड़ा फैसला देते हुए पूरी चयन सूची को रद्द कर दिया था। बेंच में जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस बृजराज सिंह शामिल थे। इसके अलावा लखनऊ बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को रद्द कर दिया था।
जानिए कोर्ट ने क्या कहा
बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच ने जून 2020 में जारी शिक्षक भर्ती परीक्षा की चयन सूची को दरकिनार कर नई सूची तैयार करने का आदेश दिया है। कोर्ट के इस आदेश से यूपी सरकार को झटका लगा है, इसके साथ ही नई चयन सूची तैयार होने से पिछले 4 साल से नौकरी कर रहे हजारों शिक्षकों की नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि कोर्ट ने आदेश में कहा कि अगर वर्तमान में कार्यरत किसी सहायक शिक्षक पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तो उसे मौजूदा सत्र का लाभ दिया जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो।
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