गुजरात (Gujarat) के समुद्र (Sea) में तटरक्षक बल (Coast Guard) और गुजरात एटीएस (Gujarat ATS) के संयुक्त अभियान (Joint Operation) में 1800 करोड़ रुपये मूल्य की ड्रग्स (Drugs) ले जा रही एक नाव जब्त की गई है। इस नाव से करीब 300 किलोग्राम एमडी ड्रग्स जब्त की गई है। यह ऑपरेशन महाराष्ट्र और गुजरात की सीमा पर समुद्र में किया गया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह नाव रात के अंधेरे में पाकिस्तान की ओर से समुद्र से भारत आ रही थी।
तटरक्षक बल के स्पीडबोटों और बड़े जहाजों ने सिनेमा शैली की कार्रवाई करते हुए नाव को रोका और उसका गहन निरीक्षण किया। नाव पर पाई गई दवाओं की पहचान मेथाम्फेटामाइन (एमडी ड्रग्स) के रूप में की गई है। यह बहुत खतरनाक और महंगी दवा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन दवाओं की कीमत करीब 1800 करोड़ रुपये है।
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@IndiaCoastGuard, in a joint operation with #Gujarat #ATS on the night of 12-13 Apr 25, seized 300 Kg narcotics worth Rs 1800 Cr off #IMBL near #Gujarat coast. On spotting #ICG ship, smugglers dumped contraband & fled across #IMBL. Consignment recovered at sea & handed to #ATS… pic.twitter.com/sxy7CG89Vq
— Indian Coast Guard (@IndiaCoastGuard) April 14, 2025
दवाओं का परीक्षण किया जा रहा है
12 और 13 अप्रैल की रात को चलाए गए ऑपरेशन के दौरान तटरक्षक बल ने रात के अंधेरे में एक संदिग्ध नाव को आते देखा। उन्होंने बताया कि जब सतर्क तटरक्षक बल ने संदिग्ध नाव का पीछा किया तो तटरक्षक दल को समुद्र में फेंकी गई दवाएं मिलीं। जब्त की गई दवाओं को आगे की जांच के लिए आईसीजी जहाज द्वारा पोरबंदर लाया गया है। उन्होंने गुजरात एटीएस की मदद से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। अभियान के दौरान नाव पर सवार कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। उनकी गहन जांच की जा रही है।
कोई आधिकारिक दस्तावेज नहीं…
1800 करोड़ रुपये मूल्य की ड्रग्स ले जाने वाली मछली पकड़ने वाली नाव पश्चिम बंगाल के काकद्वीप मछली पकड़ने वाले बंदरगाह में पंजीकृत थी। हालांकि, निरीक्षण के दौरान पाया गया कि उसके पास वैध पंजीकरण दस्तावेज नहीं थे। इसके अतिरिक्त, जहाज पर सवार 14 भारतीय चालक दल के सदस्यों में से किसी के पास भी मछली पकड़ने के लिए आवश्यक आधिकारिक दस्तावेज नहीं थे।
जो नाव मिली है वह तस्करी के लिए थी
हालांकि, जहाज के चालक दल ने दावा किया कि वे पांच दिनों से समुद्र में थे, लेकिन नाव पर मछली पकड़ने का कोई उपकरण नहीं था और मछली पकड़ने का कोई सामान भी नहीं मिला। इस प्रकार यह बात सामने आई है कि गुजरात एटीएस और तटरक्षक बल के संयुक्त अभियान में बरामद नाव का इस्तेमाल तस्करी के लिए किया गया था।
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