Wayanad landslide: लोकसभा सांसद तेजस्वी सूर्या ने 31 जुलाई को सदन में वायनाड में हुई भूस्खलन की घटना के लिए कांग्रेस और वाम दलों की सरकारों को जिम्मेदार ठहराया। उन्हाेंने कहा कि बिना बेरोक जारी वाणिज्य गतिविधियों और वोट बैंक की राजनीति के कारण पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील पश्चिमी घाट में यह हादसा हुआ है।
आपदा प्रबंधन ने दी थी सलाह
सूर्या ने कहा कि 2020 में केरल के राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने 4000 परिवारों को भूस्खलन संभावित आपदा क्षेत्रों से स्थानांतरित करने की सलाह दी थी। अब तक इस विषय पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। वायनाड से सांसद ने भी इस मामले को नहीं उठाया है।
वोट बैंक की राजनीति बड़ा कारण
उन्होंने आगे कहा कि केरल के वन मंत्री ने 2021 में सदन में बताया था कि वह इन क्षेत्रों से परिवारों को स्थानांतरित इसलिए नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि धार्मिक संस्थाओं का दवाब है। कांग्रेस सांसद पीटी थॉमस ने इस मामले को उठाया था, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें दोबारा टिकट नहीं दिया। वायनाड और उसके आसपास वोट बैंक राजनीति के कारण वहां पर अतिक्रमण को नहीं हटा पा रहे हैं।
160 से अधिक लोगों ने गंवाई जान
कर्नाटक से लोकसभा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा कि वायनाड कि भूस्खलन की घटना में 160 से अधिक लोगों की जान गई है। पिछले 5 वर्षों में केरल में भूस्खलन और अन्य आपदाओं के कारण 350 से अधिक लोग मारे गए हैं। पश्चिमी घाट पर्यावरण रूप से संवेदनशील हैं, ऐसे में यहां पर रोक-टोक जारी उत्खनन अनियमित व्यावसायिक गतिविधियां प्रथम दृश्य इसका कारण नजर आती हैं। इस संबंध में पहले भी कई रिपोर्ट प्रस्तुत की गई हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से राज्य में वाम दलों वाले एलडीएफ और कांग्रेस वाले यूडीएफ की सरकार रही हैं। इन्होंने इन रिपोर्ट को खारिज कर दिया। नियमित वहां व्यावसायिक गतिविधियां जारी हैं और इसके लिए कोई समाधान नहीं खोजा गया है।
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