घाटी में शांति के मद्देनजर कश्मीरी पंडितों की वापसी के प्रयास तेज हो गए हैं। उनकी संपत्तियों से अवैध अधिकार को हटाने की दिशा में भी कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान और उसके पाले हुए आतंकियों को यह बात हजम नहीं हो पा रही है। वे वहां फिर से 1990 जैसे हालात पैदा कर हिंदुओं में भय पैदा करने की साजिश रचने में जुट गए हैं। इसी क्रम में पिछले तीन दिन में पांच हिंदुओं की हत्या करने की बात कही जा रही है। इसके साथ ही मंदिरों को जलाने की कोशिश को भी उनके इस नापाक इरादे से जोड़कर देखा जा रहा है। जानकार बताते हैं कि इसी तरह के हालात 1990 के दशक में पैदा किए गए थे, जिसके बाद कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था।
इस बार भी प्रदेश में तेजी से सामान्य होते हालात को बिगाड़ने में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी अपनी जान पर खेलकर समाजविरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। 7 अक्टूबर की सुबह आतंकियों ने श्रीनगर के ईदगाह क्षेत्र में स्थित एक स्कूल में हमला कर दो हिंदू शिक्षकों की कायराना तरीके से हत्या कर दी। मारे गए दो लोगों में स्कूल की प्रिंसिपल और एक टीचर शामिल हैं।
बढ़ रहे हैं हमले
इससे पहले भी हिंदुओं पर जम्मू-कश्मीर में कुछ दिनों से लगातार हमले हो रहे हैं। 5 अक्टूबर को भी आतंकियों ने एक के बाद एक तीन हमले किए थे। इन हमलों में मेडिकल शॉप के मालिक माखनलाल बिंद्रू समेत तीन लोगों की मौत हुई थी। लगातार दूसरे दिन दो शिक्षकों की हत्या की घटना से आतंकियो के हौसले बढ़ने की बात कही जा रही है। पुलिस का कहना है कि आतंकियों ने अचानक हमला कर दोनों शिक्षकों को कायराना तरीके से गोलियों से भून डाला।
हमले का विरोध
इस हमले का श्रीनगर में विरोध शुरू हो गया है। लोग सड़कों पर उतरकर इसका विरोध कर रहे हैं। 5 अक्टूबर को तीन निर्दोष हिंदुओं की हत्या के बाद 7 अक्टूबर की घटी घटना से घाटी में सनसनी फैल गई है। सुरक्षाबल आतंकियों के खिलाफ युद्ध स्तर पर कार्रवाई में जुट गए हैं। उन्होंने दावा किया है कि इन घटनाओं में शामिल आतंकियों को वे जल्द ढूंढ़ निकालेंगे।
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हिंदू शिक्षकों को अलग कर की हत्या
सबसे बर्बरतापूर्ण बात यह है कि आतंकियों ने मुस्लिम शिक्षकों से अलग कर दो शिक्षकों हत्या की। उनकी पहचान सिखविंदर कौर( सिख) और दीपक चंद्र के तौर पर हुई है। शिक्षकों की मीटिंग के दौरान आतंकी कमरे में घुस आए और मुस्लिम शिक्षकों को अलग कर उन्होंने दो हिंदू शिक्षकों को गोली मारकर हत्याकर दी।
शांति बहाली से बौखलाए आतंकी
बता दें कि अगस्त 2019 में आर्टिकल 370 हटाने और इसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित किए जाने के बाद घाटी में शांति बहाली शुरू हो गई है, लेकिन अब एक बार फिर इस तरह के हमले बढ़ने लगे हैं।