धर्मांतरण वाले उप-कुलपति का क्या है नया पैंतरा? अन्यथा गिरफ्तारी तय

उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू है। इसके बाद कार्रवाइयों में तेजी आई है। ऐसी ही एक घटना है इलाहाबाग एग्रकील्चर विश्वविद्यालय के उपकुलपति की, जिन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।

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नब्बे हिंदुओं के सामूहिक धर्मांतरण मामले में आरोपित इलाहाबाद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर आरबी लाल ने गिरफ्तारी से राहत के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका की है। वकील सिद्धार्थ दवे ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए अर्जी पर जल्द सुनवाई की मांग की। दवे ने कहा कि पुलिस उनके पीछे पड़ी हुई है। तब कोर्ट ने आज ही सुनवाई की बात कही।

उच्च न्यायालय से राहत नहीं
इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट का कहना था कि ये समाज के बड़े तबके के हितों से जुड़ा मसला है। जांच एजेंसी ने धर्मान्तरण के आरोप को साबित करने के लिए सुबूत रखे हैं। आरोप बेहद संजीदा हैं और कोर्ट इन्हें हल्के में नहीं ले सकता। लाल ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

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