धर्मांतरण प्रकरण को लेकर बदनामी झेल रहा मुंब्रा वर्षों से संदिग्ध नजरों से देखा जाता रहा है। इसका कारण है कि, इशरत जहां मुंब्रा की ही रहनेवाली थी। इशरत पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा की सदस्य थी। वर्तमान में मुंब्रा का नाम हिंदुओं के इस्लाम में धर्मांतरण को लेकर सामने आया है। जिसके प्रमाण मांगे जा रहे थे, इसमें सबसे आगे हैं मुंब्रा विधानसभा से विधायक जितेंद्र आव्हाड। जिन्होंने, दावा किया है कि हिंदुओं को बदनाम किया जा रहा है और मुंब्रा में भय का वातावरण तैयार किया जा रहा है। इसको लेकर अब दूसरा प्रमाण सामने आया है। ऐसी स्थिति में अब विधायक जितेंद्र आव्हाड क्या उत्तर देंगे? यह सबसे बड़ा मुद्दा है।
जिंतेंद्र आव्हाड मुंब्रा के विधायक हैं और मंत्री भी रह चुके हैं। लेकिन सत्ता जाने के बाद से वे एक लक्ष्यित समाज विशेष के प्रति सूचनाओं का अपने सोशल मीडिया पर प्रसार कर रहे हैं। जब महाराष्ट्र विधानसभा में युति शासनकाल के मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा ने एक लाख लव जिहाद के प्रकरणों का उल्लेख किया था, जिसे झूठा बताते हुए कोहराम मचानेवालों में विधायक जितेंद्र आव्हाड भी थे। इसके बाद जब ठाणे-पालघर समेत मुंबई महानगर परिक्षेत्र में 400 धर्मांतरणों का आरोप लगा तो, जितेंद्र अव्हाड ने इसे फिर नकारा।
आव्हाड का मिसकोट
जितेंद्र आव्हाड ने ट्वीट किया है कि, मैं यह प्रारंभ से ही कह रहा हूं कि, इसके पीछे खराब मंशा थी। हिंदुओं को बदनाम करने और मुंब्रा में दहशत का वातावरण निर्मित करना और मुझे बदनाम करना था। कलवा मुंब्रा की जनता पिछले 14 वर्षों से आए बदलाव को कभी नहीं भूलेगी। मैंने मंत्री रहते हुए जो निधि लाई थी, उसे मुख्यमंत्री रद्द कर देते हैं, इसका सीधा अर्थ है कि, कलवा मुंब्रा की निधि रद्द करके उसका नुकसान कर रहे हैं। मुझे मार दो लेकिन कलवा मुंब्रा की जनता का नुकसान मत करो, अब कहो मुंब्रा की जनता से माफी मांगने के लिए।
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इस ट्वीट के साथ जितेंद्र आव्हाड ने एक स्क्रीन शॉट संलग्न किया है, जिसमें लिखा है, ठाणे पुलिस ने क्या जानकरी दी? ठाणे डीसीपी (जोन 1) गणेश गावडे ने कहा है कि, हमने आरोपी शहनवाज खान से पूछताछ की, मुंब्रा में धर्मांतरण की कोई घटना नहीं हुई है, यह स्पष्ट हो गया है।
क्या माफी मांगेगे आव्हाड साहब?
जितेंद्र आव्हाड का यह ट्वीट गेम जिहाद के आरोपी शहनवाज खान के पकड़े जाने के बाद आया था। शहनवाज खान मुंब्रा परिसर का रहनेवाला था, जिसे नवी मुंबई से गिरफ्तार किया गया है। उस पर धर्मांतरण का प्रकरण उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित कवि नगर में पंजीकृत किया गया था। जिसमें तीन हिंदू और एक जैन नाबालिग का धर्मांतरण कराने का आरोप लगा है। लेकिन, इसे जितेंद्र आव्हाड ने झुठला दिया, यह कहते हुए कि, मुंब्रा में कोई धर्मांतरण ही नहीं हुआ है। परंतु, वसई के राजेश को मोहम्मद रियाज बनाने वाले मोहसिन की गिरफ्तारी के बाद आव्हाड साहब के दावों पर पानी फिर गया है। ऐसे में क्या जितेंद्र आव्हाड एक समाज को बचाने के लिए हिंदू समाज से माफी मांगेगे क्या यह सबसे बड़ा सवाल है।