मुंबई। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से विकसित किए जा रहे कोरोना वैक्सीन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इसकी तकनीक की वजह से कई धार्मिक नेता इसके विरोध में आ गए हैं। अब ऑस्ट्रेलिया के एक इमाम ने इस वैक्सीन को हराम बताते हुए मुसलमानों से इसे ना लगवाने की अपील की है। सुफयान खलीफा ने हाल ही में एक वीडियो के जरिए अपने फॉलोअर्स से यह अपील की है।
डेली मेल की एक खबर के मुताबिक, इमाम ने इसे हराम बताते हुए उन मुस्लिमों पर निशाना साधा जो इसे लगवाने के पक्ष में हैं। खलीफा ने कहा, ‘उन मुस्लिम संस्थाओं को शर्म आनी चाहिए जो वैक्सीन के इस्तेमाल को सही ठहरा रहे हैं। इसके लिए फतवा साइन करने वाले इमामों को शर्म आनी चाहिए। कैथोलिक साफ तौर पर इसके खिलाफ खड़े हुए हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि यह हराम है। यह नापाक है। लेकिन आप सरकार के साथ खड़े हैं। धर्म के खिलाफ जो सरकार के साथ खड़े हैं उन्हें शर्म आए।’
कुछ और धार्मिक नेताओं ने भी हाल ही में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैक्सीन कैंडिडेट के प्रति नीतिगत चिंताएं जाहिर की हैं, जिसे 1970 में हुए गर्भपात के भ्रूण सेल्स का इस्तेमाल करते हुए बनाया गया है। ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने सफल ट्रायल के बाद ऑक्सफोर्ड वैक्सीन लोगों को उपलब्ध कराने के लिए मैन्युफैक्चरर एस्ट्राजेनेका के साथ करार किया है।
सिडनी कैथोलिक आर्कबिशप, सिडनी एंजलिकल आर्कबिशप और ग्रीक ऑर्थोडोक्स आर्कबिशप ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर डील पर दोबारा विचार करने की मांग की है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी वैक्सीन में जिस तकनीकी का इस्तेमाल किया गया है वह भ्रूण सेल्स के जरिए विकसित किया जाता है, जिसे दवा की पैकेजिंग से पहले निकाल दिया दिया जाता है।