ज्ञानवापी केस में नये अध्याय की शुरुआत, कोर्ट ने दी एएसआई सर्वे को मंजूरी

अदालत ने सर्वे की मांग संबंधी याचिका को मंजूरी दे दी है। इससे मस्जिद की दीवारें, छत, गुंबद और तहखाने आदि का वैज्ञानिक सर्वे किया जाएगा। सर्वे के क्षेत्र से केवल सील एरिया को बाहर रखा गया है।

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सांस्कृतिक नगरी वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी केस में एक अहम अध्याय की शुरुआत कर दी है। जिला अदालत ने इस मामले फैसला सुनाते ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे की मांग को मंजूरी दे दी ।

शुक्रवार को अपना फैसला सुनाते अदालत ने सील एरिया को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वे (कार्बन डेटिंग) के लिये इजाजत दे दी। हिंदू पक्ष के वकील के अनुसार अदालत ने सर्वे की मांग संबंधी याचिका को मंजूरी दे दी है। इससे मस्जिद की दीवारें, छत, गुंबद और तहखाने आदि का वैज्ञानिक सर्वे किया जाएगा। सर्वे के क्षेत्र से केवल सील एरिया को बाहर रखा गया है।

गौरतलब हो कि 14 जुलाई को दोनों पार्टियों बहस पूरी हो गयी थी। इसके बाद अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज यह आदेश सुनाया। जिला अदालत में हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक विधि से एएसआई सर्वे कराने की मांग संबंधी याचिका दाखिल की थी। हिंदू पक्ष वजूखाने में लिंग को शिव लिंग बता रहा है। हिंदू पक्ष के अनुसार यह विशेश्वरनाथ ज्योतिर्लिंग है। जबकि मुस्लिम पक्ष इसे एक फव्वारा कह रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अदालती फैसले के तहत सर्वे का कार्य सुबह 8 से 12 बजे के बीच ही होगा। साथ ही इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि सर्वे में मस्जित परिसर में किसी भी चीज का नुकसान ना हो। सर्वे काल में परिसर में नमाज पढ़ने की छूट दी गई है।

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