रिपोर्ट – महेश सिंह
नई दिल्ली। विश्व के करीब 200 देशों में कोरोना संक्रमण का प्रकोप जारी रहने के बीच इसकी रोकथाम के लिए कई देशों में वैक्सीन बनाने की होड़ लगी हुई है। इसी कड़ी में दुनिया भर में 100 से ज्यादा दवा कंपनियां युद्ध स्तर पर वैक्सीन बनाने में जुटी हुई है। हालांकि किसी भी संक्रमण फैलानेवाली बीमारी के लिए वैक्सीन बनाना कोई आसान काम नहीं होता। लोगों के स्वास्थ्य और जीवन के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। इसलिए तमाम तरह के परीक्षण और चार स्तर पर काफी बारीकी से ट्रायल में सफलता मिलने के बाद ही इसकी घोषणा की जाती है और सामान्य लोगों के लिए जारी किया जाता है।
फिलहाल अमेरिका, रुस और चीन के साथ भारत भी कोरोना वैक्सीन तैयार करने में लगा है और इसके विभिन्न स्तरों पर ट्रायल जारी हैं।
एस्ट्राजेन्का ने रोका कोविड दवा का परीक्षण
इस बीच अमेरिका की कंपनी एस्ट्राजेन्का द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन को रोक दिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक जिस वैक्सीन को लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए तैयार की जा रही है, उसके मानव परीक्षण के दौरान एक वॉलंटियर बीमार हो गया। उसके बाद कंपनी ने इसके फेज तीन ट्रायल को रोकने का निर्णय लिया।
कंपनी ने बताई सामान्य घटना
एस्ट्राजेन्का कंपनी का दावा है कि वैक्सीन के बनाने के दौरान इस तरह की घटना कोई नई बात नहीं है और इस तरह की रुकावट आना सामान्य घटना है।
एस्ट्राजेन्का की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि परीक्षण में शामिल व्यक्ति की बीमारी के बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है। एक स्वतंत्र कमिटी इसकी समीक्षा करेगी। उसके बाद फिर से ट्रायल शुरू किया जाएगा। कंपनी का कहना है कि ऐसा होता है और यह वैक्सीन बनाने के दौरान की एक सामान्य घटना है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ मिलकर वैक्सीन बनानेवाली कंपनी एस्ट्राजेन्का कोविड-19 वैक्सीन बनाने की स्पर्धा में विश्व में सबसे आगे है और इसका नाम एजेडडी 1222 रखा गया है। इस घटना के बाद अमेरिका में 9 दवा कंपनियों ने वादा किया है कि वे प्रीमैच्योर वैक्सीन मार्केट में नहीं उतारेंगी।
भारत में भी शुरू है दवा का मानव परीक्षण
पिछले महीने ही एस्ट्राजेन्का ने अमेरिका में 30 हजार लोगों पर टेस्ट शुरू किए हैं। इसेक अलावा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के इस वैक्सीन के ट्रायल्स ब्रिटेन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका के साथ ही भारत में भी शुरू हुए हैं। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इसके ट्रायल्स कर रहा है।
वैक्सीन का बढ़ा इंतजार
भारत समेत कोरोना से त्रस्त कई देशों की निगाहें ऑक्सफोर्ड की इस वैक्सीन पर टिकी हुई हैं। लेकिन फिलहाल इसके ट्रायल रोके जाने के बाद वैक्सीन का इंतजार और बढ़ गया है। पहले जहां इसी साल दिसंबर में वैक्सीन बाजार में आने की उम्मीद जताई जा रही थी, वहीं अब अगले साल यानी 2021 तक मिलने की बात कही जा रही है।
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