मुंबई। कोरोना काल में जहां लोग बड़ी मुश्किल से अपना घर-परिवार चला रहे हैं, वहीं इन दिनों साइबर अपराधी लोगों बैंक खाते से पैसा उड़ा लेने के नये नये-नये तरकीब निकाल रहे हैं। पहले ये साइबर अपराधी लोगों को फोन पर गुमराह करते थे और OTP मांग कर उनके बैंक खाते में सेध लगाते थे लेकिन अब लोगों में सतर्कता बढ़ जाने के कारण उन्होंने लूट का तरीका बदल दिया है।
ये है उनकी मॉडस ऑपरेंडी
महाराष्ट्र साइबर पुलिस के आई जी यशस्वी यादव के अनुसार इनमें से ज्यादातर अपराधी बिहार मे बैठ कर मुंबई के लोगों और खासकर बुजुर्गों को अपना निशाना बनाते हैं। अब ये शातिर अपराधी OTP न मांगकर लोगों के मोबाइल पर एक लिंक भेजते हैं और फिर खाताधारक से कहते हैं कि मैं उस बैंक का कर्मचारी बोल रहा हूं। उनके बाद करने का अंदाज कुछ इस तरह होता है- मै फलां बैंक से बात कर रहा हूं। आपकी kYC जांच के लिए यह कॉल है । इसके साथ ही यदि आप यह लिंक डाउनलोड करेंगे तो एक ऑफर के तहत आपके अकाउंट में 500 रुपये आ जायेंगे । अगर खाताधारक ने लालच में आकर लिंक डाउनलोड किया तो थोड़ी देर बाद ही वे उसके अकाउंट में 10 रुपये डाल देंगे और फिर वे उसे फोन करेगें कि आपके अकाउंट मे 10 रुपये डाला है, आपको पैसे मिल गया कि नहीं, ऐसे में खाताधारक की तरफ से जवाब होगा- हां अकाउंट मे 10 रुपये आ गए हैं। फिर वह कहेगा कि मैंने कन्फर्म करने के लिए पहले 10 रुपये डाला है कि अकाउंट आपका ही है ना। अभी पूरा पैसा डालता हूं। कन्फर्म करने के लिए एक मेसेज आयेगा, ओपन कर बेल को दबा देना तो आपके अकाउंट मे पूरा पैसा आ जायेगा। उसके बाद आये हुए मेसेज को जैसे ही खाताधारक ओपन कर बेल दबाता है, उसके बैंक अकाउंट में जमा पैसे गायब हो जाएंगे। फिर जब वह उस नम्बर पर कॉल करेगा तो वह नम्बर बन्द मिलेगा यानी साइबर अपराधी उसे लूट चुका होगा ।
साइबर क्राइम के होश उड़ानेवाले आंकड़े
मुम्बई की साइबर सेल ने जो साइबर अपराध के आंकाड़े जारी किये हैं वे चौंकाने वाले हैं। 2018 मे यह आकड़ा 1080 था, 2019 मे यह बढ़ कर 1686 हो गया, जबकि वर्ष 2020 मे जून माह तक यह आंकड़ा 2355 को पार कर गया था।
साइबर एक्सपर्ट की राय
साइबर एक्सपर्ट, एडवोकेट विक्की शाह के अनुसार, कोई भी कम्पनी या बैंक कभी भी kyc के लिए लिंक नहीं भेजती है। अगर ऐसे कॉल या लिंक आपके पास आये तो उनसे जानकारी साझा न करें और न ही smsबॉक्स मे आये किसी अनजान लिंक को डाउनलोड न करें ।