दिल्ली की राउज एवेन्यू के एसीजेएम न्यायालय ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह के मानहानि परिवाद पर 7 अगस्त को सुनवाई की। इस दौरान अदालती आदेश की पालना में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वीसी के जरिए अदालत में पेश हुए। उनकी पेशी को रिकॉर्ड पर लेते हुए न्यायालय ने मामले की सुनवाई 21 अगस्त को तय की है। पूर्व में अपीलीय न्यायालय ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेशी से छूट देते हुए वीसी से पेश होने को कहा था। ऐसे में अब आगामी सुनवाई से पूर्व उन्हें पेश होकर जमानत लेनी पड़ेगी या विशेष न्यायालय में 19 अगस्त को होने वाली सुनवाई में फिर से व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की गुहार करनी होगी।
एसीजेएम कोर्ट में सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सीएम गहलोत से पूछा कि क्या आपको इस केस की जानकारी है? इस पर सीएम ने इसका जवाब हां में दिया। इसके साथ ही न्यायालय ने मामले की सुनवाई 21 अगस्त को तय की है।
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यह है मामला
गौरतलब है कि केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह ने दिल्ली की निचले न्यायालय में संजीवनी घोटाले मामले में सीएम गहलोत की ओर से उनके खिलाफ बयानबाजी करने पर गहलोत पर आपराधिक मानहानि का परिवाद पेश किया है। जिस पर सुनवाई करते हुए एसीऐएम कोर्ट ने सीएम गहलोत को समन जारी कर तलब किया था। हालांकि इसके खिलाफ गहलोत की ओर से विशेष न्यायालय में अपील दायर की गई थी। जिसमें कहा गया था कि मामले में दायर मानहानि परिवाद में मानहानि के तत्व ही नहीं हैं। एसओजी ने प्रारंभिक रिपोर्ट में परिवादी शेखावत को आरोपी माना है। उन्होंने गृह मंत्री के तौर पर और एसओजी की रिपोर्ट के आधार पर अपनी बात कही थी। वहीं निचली अदालत ने बिना प्रसंज्ञान लिए ही साक्ष्य ली है। इसलिए समन पर रोक लगाई जाए। अपील पर सुनवाई करते हुए विशेष न्यायालय ने समन पर रोक से इनकार कर दिया था, लेकिन गहलोत को वीसी के जरिए पेश होने की छूट दी थी।